CDF नियुक्ति और सेना प्रमुख पद पर बदलाव के बाद आसिम मुनीर की भूमिका पर सवाल—क्या शहबाज़ सरकार का रुख बदला?
CDF नियुक्ति और सेना प्रमुख पद पर बदलाव के बाद आसिम मुनीर की भूमिका पर सवाल—क्या शहबाज़ सरकार का रुख बदला?
आसिम मुनीर की स्थिति पर उठे सवाल: CDF पद नहीं मिला, सेना प्रमुख का कार्यकाल भी पूरा—क्या बदला राजनीतिक समीकरण?
पाकिस्तानी सैन्य नेतृत्व में बदलाव से बढ़ी चर्चाएँ, आसिम मुनीर को लेकर शहबाज़ सरकार की रणनीति पर सवाल
लाहौर
हम सभी जानते हैं कि पाकिस्तान में सत्ता की लड़ाई बिल्कुल अलग होती है. यहां पर सिर्फ नेता प्रधानमंत्री बनने के लिए आमने-सामने नहीं होते, इसका एक और पहिया होता है- सेना. कोई कितने भी बहुमत से यहां सरकार बना ले, उसे हमेशा डर तख्तापलट का लगा रहता है. इसका सीधा उदाहरण इस वक्त पाकिस्तान की अदियाला जेल में बंद इमरान खान हैं. यही वजह है कि शहबाज शरीफ ने सेना से कोई पंगा लेने के बजाय आसिम मुनीर से बनाकर चलते रहे.
भारत-पाकिस्तान के बीच जब मई में जंग जैसे हालात बन गए, तो युद्धविराम के बाद खुद ही आसिम मुनीर ने जीत घोषित कर दी और इसका सेहरा भी अपने सिर बांध लिया. शहबाज शरीफ इस पूरे मामले में सिर्फ उनके लिए तालियां ही बजाते रहे. उन्हें फील्ड मार्शल की उपाधि दे दी गई और विदेश दौरे पर भी आसिम मुनीर अकेले ही जाने लगे. कुल मिलाकर मान लिया गया था कि उन्हें सिर्फ एक ऑफिशियल टाइटल की जरूरत है बाकी सत्ता उनकी मुट्ठी में है.
क्या बदल गया है शहबाज शरीफ का मूड?
पाकिस्तान में विवादित 27वें संविधान संशोधन के जरिये आसिम मुनीर की ताकत को बढ़ाया गया. उनके लिए सीडीएफ नाम का नया पद गढ़ा गया, जिस पर बैठने के बाद वे ताउम्र पाकिस्तान के अघोषित तानाशाह बने रहेंगे. इस बात का नोटिफिकेशन जारी होकर ये काम जल्द से जल्द होना था, लेकिन इसी बीच अटकलें ये लगाई जा रही हैं कि शहबाज शरीफ का मूड बदल गया है. दरअसल पाकिस्तान के उपचुनाव का रिजल्ट हाल ही आया और उनकी पार्टी PMLN की ताकत बढ़ने के बाद वे इस काम में देरी कर रहे हैं. कहा ये भी जा रहा है कि उनके भाई नवाज शरीफ भी इसमें सलाह-मशविरा दे रहे हैं कि अगर आसिम मुनीर को अल्टीमेट पावर मिली, तो उनकी औकात कुछ नहीं रह जाएगी.
आसिम मुनीर -शहबाज शरीफ.
आसिम मुनीर कब बनेंगे CDF ?
आसिम मुनीर को 29 नवंबर, 2022 को सेना प्रमुख बनाया गया था. इस हिसाब से 29 नवंबर को उनका तीन साल का कार्यकाल खत्म हो चुका है. अब तक नए सेना प्रमुख के तौर पर उनके नाम का नोटिफिकेशन भी नहीं आया है. वैसे तो पाकिस्तानी संसद ने सेना प्रमुख के कार्यकाल को 5 साल कर दिया था, ऐसे में वे पद पर तो बने रहेंगे लेकिन इसका नोटिस अब तक नहीं आया है. वहीं पिछले महीने हुए संविधान संशोधन में पाकिस्तान में CJCSC की जगह CDF पद बनाया गया जो तीनों सेनाओं के बीच तालमेल रखेगी. इस पर आसिम मुनीर को बैठना है. CJCSC शाहिद शमशाद मिर्जा का भी रिटायरमेंट 27 नवंबर को हो गया, पर मुनीर का नया पद अस्तित्व में नहीं आ पाया है.
जब होना ही है, तो देरी क्यों?
हालांकि इस मामले में तस्वीर साफ करने के लिए पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ आए और उन्होंने सोशल मीडिया पर एक्स अकाउंट से लिखा – ‘CDF की नोटिफिकेशन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, जल्द ही नोटिफिकेशन जारी होगी.’ इस मामले में हो रही देरी को लेकर उन्होंने कुछ नहीं कहा. इसी बीच यूएन मानवाधिकार प्रमुख वोल्कर टर्क ने भी 27वें संविधान संशोधन में देरी को लेकर टिप्पणी की थी, जिस पर पाकिस्तान बौखला गया था.
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