गुजरात बिटकॉइन घोटाला: ACB कोर्ट ने 14 आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई

Aug 29, 2025 - 12:44
 0  6
गुजरात बिटकॉइन घोटाला: ACB कोर्ट ने 14 आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई

अहमदाबाद 

गुजरात के बहुचर्चित बिटकॉइन घोटाले में अहम फैसला सुनाते हुए स्पेशल एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) कोर्ट ने आज शुक्रवार को पूर्व विधायक नलिन कोटडिया, अमरेली के पूर्व एसपी जगदीश पटेल और पूर्व पीआई अनंत पटेल सहित 14 आरोपियों को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने पाया कि सभी आरोपी 2018 में सामने आए 12 करोड़ रुपए मूल्य के 176 बिटकॉइन और 32 लाख रुपए नकद की जबरन वसूली और अपहरण की साजिश में शामिल थे। यह मामला नोटबंदी के बाद सुर्खियों में आया था।

बता दें कि इस केस में कुल 15 लोगों को नामजद किया गया था, जिनमें से 14 को कोर्ट ने दोषी ठहराया, जबकि एक आरोपी को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया। बचाव पक्ष के वकीलों ने कोर्ट के फैसले को गुजरात हाईकोर्ट में चुनौती देने की बात कही है। 

क्या है पूरा मामला?
यह मामला साल 2018 में उस समय सामने आया था, जब सूरत के बिल्डर शैलेश भट्ट ने आरोप लगाया था कि उनसे 176 बिटकॉइन (करीब 12 करोड़ रुपये मूल्य) और 32 लाख रुपये नकद की जबरन वसूली की गई। इसमें पुलिस अफसरों से लेकर राजनेता और वकील तक शामिल थे। शैलेश भट्ट ने आरोप लगाया था कि तत्कालीन पुलिस निरीक्षक अनंत पटेल और उनकी टीम ने सरकारी वाहनों का इस्तेमाल करते हुए उनका अपहरण किया और उन्हें गांधीनगर के पास एक जगह ले जाकर 176 बिटकॉइन ट्रांसफर करने के लिए मजबूर किया। इतना ही नहीं, बिटकॉइन ट्रांसफर होने के बाद भी उनसे फिरौती की मांग की गई।

सीआईडी क्राइम ब्रांच ने इस मामले की जांच की, जिसमें तत्कालीन अमरेली एसपी जगदीश पटेल, सूरत के वकील केतन पटेल और अन्य 10 पुलिसकर्मियों की संलिप्तता सामने आई। पूछताछ के दौरान यह भी सामने आया कि पूर्व विधायक नलिन कोटडिया इस पूरे मामले में ‘फिक्सर’ की भूमिका में थे।

अगस्त 2024 में, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के तहत शैलेश भट्ट को गिरफ्तार किया। जांच में पता चला कि भट्ट ने खुद भी बिटकनेक्ट के प्रमोटर सतीश कुंभानी के दो कर्मचारियों का अपहरण कर 2,091 बिटकॉइन, 11,000 लाइटकॉइन और 14.50 करोड़ रुपए नकद वसूले थे।

सतीश कुंभानी पर 2017-18 में बिटकनेक्ट नामक क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के नाम पर करोड़ों रुपए की ठगी करने का आरोप है। जनवरी 2018 में उन्होंने अचानक बिटकनेक्ट और उसका लेंडिंग प्लेटफॉर्म बंद कर दिया और निवेशकों का पैसा लेकर फरार हो गए। यह पूरा मामला गुजरात के सबसे हाई-प्रोफाइल साइबर अपराध और मनी लॉन्ड्रिंग केस में से एक बन गया है, जिसमें राजनीतिक, प्रशासनिक और आपराधिक गठजोड़ साफ तौर पर उजागर हुआ है।

What's Your Reaction?

Like Like 0
Dislike Dislike 0
Love Love 0
Funny Funny 0
Angry Angry 0
Sad Sad 0
Wow Wow 0