H-1B वीजा: ट्रंप सरकार का $1 लाख शुल्क नियम लागू, व्हाइट हाउस ने दिए बड़े स्पष्टीकरण

वॉशिंगटन
अमेरिका आज से एच-1बी वीजा के लिए नए आवेदकों से एक लाख डॉलर (करीब 88 लाख रुपए) शुल्क वसूलेगा। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को व्हाइट हाउस में इस कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए थे। नए नियम आज (अमेरिकी समयानुसार) यानि 21 सिंतबर से लागू हो रहे हैं। ट्रंप सरकार के इस फैसले से प्रवासियों के बीच काफी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। हालांकि व्हाइट हाउस ने नए नियमों को लेकर स्पष्टीकरण दिया है।
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलाइन लेविट ने शनिवार को स्पष्ट किया कि हाल ही में घोषित एक लाख डॉलर का एच-1बी वीजा शुल्क केवल नए वीजा आवेदनों पर लागू होगा और यह वार्षिक शुल्क नहीं है। वहीं, अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवा (यूएससीआईएस) ने भी स्पष्ट किया कि नया नियम केवल नए आवदेकों पर ही लागू होगा। यह स्पष्टीकरण राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा वीजा फीस बढ़ाने के आदेश पर हस्ताक्षर करने के एक दिन बाद आया है।
व्हाइट हाउस ने दूर की भ्रम की स्थिति
यह कोई वार्षिक शुल्क नहीं है। यह एकमुश्त शुल्क है जो केवल नये एच-1बी आवेदन पर लागू होगा।
जिन लोगों के पास पहले से ही एच-1बी वीजा है और जो इस समय देश से बाहर हैं, उनसे पुनः प्रवेश के लिए 100,000 डॉलर का शुल्क नहीं लिया जाएगा।
एच-1बी वीजा धारक देश से बाहर जा सकते हैं और पुनः प्रवेश कर सकते हैं। कल की घोषणा से उन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
यह केवल नए वीजा पर लागू होता है। नवीनीकरण पर नहीं और न ही वर्तमान वीजा धारकों पर।
यह प्रावधान सबसे पहले आगामी एच-1बी लॉटरी चक्र से लागू होगा।
यूएससीआईएस ने भी नियमों को लेकर बनी अस्पष्टता को लेकर साफ की स्थिति
यूएससीआईएस भी इस संबंध में एक्स पर पोस्ट कर नई जानकारी दी है। यूएससीआईएस ने कहा, 'राष्ट्रपति ट्रंप के नए एच-1बी वीजा नियम केवल नए, संभावित आवेदनों पर लागू होते हैं, जो अभी तक दायर नहीं किए गए हैं। 21 सितंबर, 2025 से पहले प्रस्तुत आवेदन प्रभावित नहीं होंगे।'
भारतीय दूतावास ने मदद के लिए जारी किया मोबाइल नंबर
इस बीच, अमेरिका में भारतीय दूतावास आपातकालीन सहायता चाहने वाले भारतीय नागरिकों के लिए मोबाइल नंबर जारी किया है। दूतावास ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, 'आपातकालीन सहायता चाहने वाले भारतीय नागरिक मोबाइल नंबर +1-202-550-9931 (और व्हाट्सएप) पर कॉल कर सकते हैं। इस नंबर का उपयोग केवल तत्काल आपातकालीन सहायता चाहने वाले भारतीय नागरिकों द्वारा किया जाना चाहिए, न कि नियमित वाणिज्य दूतावास संबंधी पूछताछ के लिए।'
नैस्कॉम ने सदस्य कंपनियों से किया एच-1बी धारकों को अमेरिका वापस लाने का आग्रह
नैस्कॉम के उपाध्यक्ष शिवेंद्र सिंह ने कहा कि शीर्ष उद्योग निकाय ने अपनी सदस्य कंपनियों से आग्रह किया है कि उनके जो एच-1बी धारक इस वक्त अमेरिका से बाहर हैं, उनको तत्काल अमेरिका वापस लाएं। यह अपील खासतौर से एक दिन की समय सीमा के मद्देनजर की गई है। सिंह ने एच-1बी वीजा को अमेरिकी और भारतीय दोनों कंपनियों के संचालन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बताया। सिंह ने कहा, यह विशेष कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब तकनीक इतनी तेजी से विकसित हो रही है। एआई और अन्य अत्याधुनिक तकनीकें अमेरिका को नंबर एक अर्थव्यवस्था बनाने के लिए जगह बना रही हैं। अमेरिकी नवाचार नेतृत्व को बनाए रखने की आवश्यकता है। यह कुछ ऐसा है जो कुछ समय के लिए व्यवस्था को बाधित करेगा, क्योंकि पर्याप्त संक्रमण समय नहीं दिया गया था। पेशेवरों के लौटने के लिए एक दिन की समय सीमा है। सिंह ने कहा, हमने अपनी सदस्य कंपनियों को सलाह दी है कि वे अमेरिका से बाहर रह रहे अपने कर्मचारियों को 21 सितंबर से पहले वापस लाने का प्रयास करें। नैसकॉम का मानना है कि इस तरह का महत्वपूर्ण कदम उठाने से पहले उद्योग के साथ और अधिक विचार-विमर्श किया जाना चाहिए था।
भारतीय एच-1बी धारकों ने दिवाली-शादियों के लिए स्वदेश यात्राएं की रद्द
एच-1बी वीजा शुल्क में बढ़ोतरी वाले आदेश के बाद अमेरिका में बसे भारतीयों में व्यापक दहशत, भ्रम और चिंता है। कई लोगों ने दिवाली और शादियों के लिए भारत यात्रा की अपनी योजना रद्द कर दी है। जहां कई लोगों ने भारत की उड़ान भरने से पहले अंतिम समय में अपनी यात्रा रद्द कर दी, वहीं भारत में पहले से मौजूद कई लोग स्पष्टता के अभाव में वापस लौटने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। एक व्यक्ति अपनी शादी के लिए भारत आने वाला था और उसने इस घोषणा के बाद अनिश्चितता के बीच अपनी योजना रद्द कर दी है।
अमेजन के बाद एच-1बी वीजा का दूसरा सबसे बड़ा लाभार्थी टीसीएस: यूएससीआईएस
अमेरिका के संघीय आंकड़ों के अनुसार टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) 2025 तक 5,000 से अधिक स्वीकृत एच-1बी वीजा के साथ इस कार्यक्रम की दूसरी सबसे बड़ी लाभार्थी है। इस लिहाज से पहले स्थान पर अमेजन है। अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवाओं (यूएससीआईएस) के अनुसार, जून 2025 तक अमेजन के 10,044 कर्मचारी एच-1बी वीजा का इस्तेमाल कर रहे थे। दूसरे स्थान पर 5,505 स्वीकृत एच-1बी वीजा के साथ टीसीएस रही। इनके अलावा शीर्ष लाभार्थियों में माइक्रोसॉफ्ट कॉर्प (5,189), मेटा (5,123), एपल (4,202), गूगल (4,181), कॉग्निजेंट (2,493), जेपी मॉर्गन चेज (2,440), वॉलमार्ट (2,390) और डेलॉइट कंसल्टिंग (2,353) हैं। शीर्ष 20 की सूची में इंफोसिस (2,004), एलटीआईमाइंडट्री (1,807), एचसीएल अमेरिका (1,728), विप्रो (1523) और टेक महिंद्रा अमेरिकाज (951) शामिल हैं। वीजा शुल्क का यह झटका ऐसे समय में आया है जब 283 अरब डॉलर का भारतीय आईटी क्षेत्र दुनिया के सबसे बड़े आउटसोर्सिंग बाजार में अशांत कारोबारी माहौल से पहले ही जूझ रहा है।
ट्रंप प्रशासन के इस फैसले से अमेरिका में भारतीय आईटी और पेशेवर कर्मचारी गंभीर रूप से प्रभावित हो सकते हैं। जुलाई में, यूएससीआईएस ने कहा था कि उसे वित्तीय वर्ष 2026 के लिए कांग्रेस की ओर से निर्धारित 65,000 एच-1बी वीजा नियमित सीमा और 20,000 एच-1बी वीजा यूएस उन्नत डिग्री छूट तक पहुंचने के लिए पर्याप्त याचिकाएं प्राप्त हुई हैं।
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