राष्ट्रपति ट्रंप के आग्रह पर पीएम मोदी ने किया फोन, 35 मिनट तक हुई बात, ऑपरेशन सिंदूर पर डिटेल में हुआ डिस्कशन

Jun 18, 2025 - 08:44
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राष्ट्रपति ट्रंप के आग्रह पर पीएम मोदी ने किया फोन, 35 मिनट तक हुई बात, ऑपरेशन सिंदूर पर डिटेल में हुआ डिस्कशन

नई दिल्ली

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से साफ शब्दों में कहा है कि भारत किसी भी सूरत में तीसरे पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार नहीं करता। न पहले की, न अब करता है और न ही भविष्य में ऐसा होगा। जी7 शिखर सम्मेलन के दौरान यह संदेश सीधे तौर पर ट्रंप को फोन पर दिया गया, क्योंकि कार्यक्रम के अनुसार तय आमने-सामने की मुलाकात इजरायल-ईरान संकट के चलते संभव नहीं हो सकी।

विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने बताया कि फोन पर यह बातचीत राष्ट्रपति ट्रंप के आग्रह पर हुई, जो लगभग 35 मिनट तक चली। इस दौरान पीएम मोदी ने भारत की नीति स्पष्ट करते हुए कहा कि कश्मीर या पाकिस्तान से जुड़े मुद्दों में भारत का रुख हमेशा से यही रहा है कि यह द्विपक्षीय मामला है और किसी भी तीसरे पक्ष की भूमिका स्वीकार्य नहीं है।

35 मिनट चली बातचीत

प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप की मुलाकात G7 समिट के दौरान होनी तय थी लेकिन ट्रंप को जल्दी वापस अमेरिका लौटना पड़ा, जिस कारण यह मुलाकात नहीं हो पाई. इसके बाद, ट्रंप के आग्रह पर आज दोनों लीडर्स की फोन पर बात हुई. यह बातचीत लगभग 35 मिनट चली. 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद राष्ट्रपति ट्रंप ने फोन पर प्रधानमंत्री मोदी को शोक संवेदना प्रकट की थी और आतंक के खिलाफ समर्थन व्यक्त किया था. उसके बाद से दोनों नेताओं की यह पहली बातचीत थी.

ऑपरेशन सिंदूर पर हुई विस्तार से चर्चा

प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप से ऑपरेशन सिंदूर के बारे में विस्तार से बात की. पीएम मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप को स्पष्ट रूप से कहा कि 22 अप्रैल के बाद भारत ने आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने का अपना दृढ़ संकल्प पूरी दुनिया को बता दिया था. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 6-7 मई की रात को भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में सिर्फ आतंकी ठिकानों को ही निशाना बनाया था. भारत की कार्रवाई बहुत ही 'संतुलित, सटीक और तनाव बढ़ाने से बचने वाली' थी.

जेडी वेंस ने किया था पीएम मोदी को फोन

विक्रम मिस्री ने बताया, 'भारत ने यह भी स्पष्ट कर दिया था कि पाकिस्तान की गोली का जवाब भारत गोले से देगा. 9 मई की रात को उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने प्रधानमंत्री मोदी को फोन किया था. उपराष्ट्रपति वेंस ने कहा था कि पाकिस्तान भारत पर बड़ा हमला कर सकता है. प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें साफ शब्दों में बताया था कि यदि ऐसा होता है, तो भारत पाकिस्तान को उससे भी बड़ा जवाब देगा. 9-10 मई की रात को पाकिस्तान के हमले का भारत ने बहुत सशक्त जवाब दिया और पाकिस्तान की सेना को बहुत नुकसान पहुंचाया.'

'सीजफायर या ट्रेड डील पर कभी बात नहीं हुई'

उन्होंने बताया, 'भारत ने पाकिस्तान के मिलिट्री एयरबेसस को निष्क्रिय कर दिया था. भारत के मुहतोड़ जवाब के कारण पाकिस्तान को भारत से सैन्य कारवाई रोकने का आग्रह करना पड़ा. प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप को स्पष्ट रूप से कहा कि इस पूरे घटनाक्रम के दौरान कभी भी, किसी भी स्तर पर, भारत-अमेरिका ट्रेड डील या अमेरिका की ओर से भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता जैसे विषयों पर बात नहीं हुई थी. सैन्य कारवाई रोकने की बात सीधे भारत और पाकिस्तान के बीच, दोनों सेनाओं के मौजूदा चैनलों के माध्यम से हुई थी और पाकिस्तान के ही आग्रह पर हुई थी.'

'अभी भी जारी है ऑपरेशन सिंदूर'

प्रधानमंत्री मोदी ने जोर देकर कहा कि भारत ने न तो कभी मध्यस्थता स्वीकार की थी, न करता है और न ही कभी करेगा. इस विषय पर भारत में पूर्ण रूप से राजनीतिक एकमत है. राष्ट्रपति ट्रंप ने प्रधानमंत्री की ओर से विस्तार में बताई गई बातों को समझा और आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई के प्रति समर्थन व्यक्त किया. प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि भारत अब आतंकवाद को प्रॉक्सी वॉर नहीं, युद्ध के रूप में ही देखता है और भारत का ऑपरेशन सिंदूर अभी भी जारी है.

पीएम मोदी ने दिया भारत आने का निमंत्रण

राष्ट्रपति ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी से पूछा कि क्या वह कनाडा से वापसी में अमेरिका रुक कर जा सकते हैं. पूर्व-निर्धारित कार्यक्रमों के कारण, प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी असमर्थता व्यक्त की. दोनों लीडर्स ने तब तय किया कि वे निकट भविष्य में मिलने का प्रयास करेंगे. राष्ट्रपति ट्रंप और प्रधानमंत्री मोदी ने इजरायल-ईरान के बीच चल रहे संघर्ष पर भी चर्चा की. रूस-यूक्रेन तनाव पर दोनों ने सहमति जताई कि जल्द से जल्द शांति के लिए, दोनों पक्षों में सीधी बातचीत आवश्यक है और इसके लिए प्रयास करते रहना चाहिए. इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के संबंध में दोनों नेताओ ने अपने परिपेक्ष साझा किए. और इस क्षेत्र में QUAD की अहम भूमिका के प्रति समर्थन जताया. QUAD की अगली बैठक के लिए, प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप को भारत यात्रा का निमंत्रण दिया. राष्ट्रपति ट्रंप ने निमंत्रण स्वीकार करते हुए कहा कि वे भारत आने के लिए उत्सुक हैं.

भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य तनाव पर स्थिति की स्पष्ट

बातचीत में प्रधानमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच जो सैन्य तनाव देखा गया, उसमें अमेरिका या किसी अन्य देश की मध्यस्थता नहीं हुई। सीमावर्ती सैन्य कार्रवाई रोकने से जुड़ी जो बातचीत हुई, वह दोनों देशों की सेनाओं के बीच पहले से मौजूद सैन्य चैनलों के ज़रिए हुई थी, और वह भी पाकिस्तान की पहल पर।

इस बातचीत में पीएम मोदी ने ऑपरेशन ‘सिंदूर’ की जानकारी भी राष्ट्रपति ट्रंप को दी। यह वही ऑपरेशन था जिसमें भारत ने सीमापार आतंकवाद को जवाब देने के लिए ठोस सैन्य कार्रवाई की थी। इस मुद्दे पर भी ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी से चर्चा की और पहले की तरह भारत को आतंकवाद के खिलाफ समर्थन का भरोसा दिया।

विदेश सचिव ने बताया कि पीएम मोदी ने इस दौरान ट्रंप को भारत आने का निमंत्रण भी दिया। हालांकि यात्रा की तिथि और स्वरूप को लेकर अभी कोई घोषणा नहीं हुई है।

यह वार्ता ऐसे समय हुई जब भारत-अमेरिका व्यापार समझौते को लेकर नई चर्चाएं चल रही हैं और दक्षिण एशिया में भारत की भूमिका को लेकर अंतरराष्ट्रीय रणनीतिक समीकरण तेज हो रहे हैं। ऐसे में पीएम मोदी की यह सीधी और सख्त टिप्पणी न केवल भारत की विदेश नीति की निरंतरता को दर्शाती है, बल्कि यह भी साफ करती है कि भारत अपनी संप्रभुता और रणनीतिक हितों पर कोई समझौता नहीं करेगा।

इस बयान को कूटनीतिक रूप से अमेरिका के लिए भी एक स्पष्ट संकेत माना जा रहा है कि भारत अपने क्षेत्रीय मामलों में किसी तीसरे पक्ष की दखलंदाजी को बर्दाश्त नहीं करेगा।

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