रेल मंत्रालय ने बदल दिया नियम, अब थोक भाव में जारी नहीं होगा वेटलिस्टेड टिकट

Jun 20, 2025 - 11:14
 0  7
रेल मंत्रालय ने बदल दिया नियम, अब थोक भाव में जारी नहीं होगा वेटलिस्टेड टिकट

नई दिल्ली
भारतीय रेलवे ने यात्रियों की सुविधा और ट्रेनों में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए एक अहम फैसला लिया है। रेल मंत्रालय ने घोषणा की है कि अब किसी भी ट्रेन में वेटिंग टिकटों की संख्या ट्रेन की कुल क्षमता के 25% तक सीमित रहेगी। इस नए नियम का उद्देश्य यात्रियों को बेहतर यात्रा अनुभव प्रदान करना और ओवरबुकिंग की समस्या को कम करना है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब रेलवे हर ट्रेन के एसी फर्स्ट क्लास, एसी सेकंड, एसी थर्ड, स्लीपर और चेयर कार में कुल बर्थ/सीटों का अधिकतम 25 प्रतिशत ही वेटिंग टिकट के रूप में जारी करेगा। दिव्यांगजनों, वरिष्ठ नागरिकों और महिलाओं के लिए आरक्षित सीटों जैसे विभिन्न कोटा को ध्यान में रखते हुए यह बदलाव किया गया है।

 भारतीय रेलवे ने यात्रियों की सुविधा और ट्रेनों में भीड़भाड़ को नियंत्रित करने के लिए एक अहम फैसला लिया है. रेल मंत्रालय ने घोषणा की है कि अब किसी भी ट्रेन में वेटिंग टिकट की संख्या ट्रेन की कुल क्षमता के 25 फीसदी तक सीमित रहेगी. इस नए नियम का उद्देश्य यात्रियों को बेहतर यात्रा अनुभव प्रदान करना और ओवरबुकिंग की समस्या को कम करना है.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, अब रेलवे हर ट्रेन के एसी फर्स्ट क्लास, एसी सेकंड, एसी थर्ड, स्लीपर और चेयर कार में कुल बर्थ/सीटों में से अधिकतम 25 फीसदी वेटिंग टिकट जारी करेगा. यह बदलाव दिव्यांगजनों, वरिष्ठ नागरिकों और महिलाओं के लिए आरक्षित सीटों जैसे अलग-अलग कोटा को ध्यान में रखते हुए किया गया है.

16 जून से लागू नए नियम के अनुसार कोच के प्रत्येक वर्ग - स्लीपर, 3AC, 2AC और 1AC के लिए कोटा 25 फीसदी तक सीमित कर दिया गया है.

ट्रेनों में अनावश्यक भीड़ भी कम होगी
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, आंकड़ों से पता चलता है कि चार्ट बनने तक लगभग 20 फीसदी से 25 फीसदी वेटिंग टिकट कन्फर्म हो जाते हैं. इसी आधार पर नई सीमा तय की गई है, ताकि यात्रियों को टिकट की स्थिति के बारे में अधिक स्पष्टता मिल सके. रेलवे बोर्ड के जारी सर्कुलर के बाद देश भर के अलग-अलग जोनल रेलवे ने इस नई व्यवस्था को लागू करना शुरू कर दिया है.

रेलवे के अनुसार, यह नियम सभी श्रेणियों की ट्रेनों, जैसे राजधानी, शताब्दी, दुरंतो, मेल/एक्सप्रेस और सुपरफास्ट ट्रेनों पर लागू होगा. उदाहरण के लिए, यदि किसी ट्रेन में 1,000 सीटें उपलब्ध हैं, तो अधिकतम 250 वेटिंग टिकट ही जारी किए जाएंगे. इस कदम से न केवल यात्रियों की यात्रा कन्फर्म होने की संभावना बढ़ेगी, बल्कि ट्रेनों में अनावश्यक भीड़ भी कम होगी.

अभी तक वेटिंग लीमिट क्या थी?
जनवरी 2013 के सर्कुलर के अनुसार, पहले एसी फर्स्ट क्लास में अधिकतम 30, एसी सेकंड में 100, एसी थर्ड में 300 और स्लीपर क्लास में 400 वेटिंग टिकट जारी किए जा सकते थे. इस कारण यात्रियों को अक्सर आखिरी समय तक टिकट कन्फर्म होने की चिंता रहती थी. रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वेटिंग टिकटों की अधिक संख्या के कारण बिना कन्फर्म टिकट वाले यात्री भी आरक्षित कोच में चढ़ जाते थे, जिससे कोच में भारी भीड़ और अव्यवस्था हो जाती थी. नई नीति से इस अव्यवस्था को रोकने में मदद मिलेगी. 

What's Your Reaction?

Like Like 0
Dislike Dislike 0
Love Love 0
Funny Funny 0
Angry Angry 0
Sad Sad 0
Wow Wow 0