मालेगांव फैसले पर संत समाज ने मनाया उत्सव, उमा भारती की आंखों में आए आंसू

भोपाल
मालेगांव बम विस्फोट मामले में पूर्व भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर समेत सभी 7 आरोपियों को एनआईए की स्पेशल कोर्ट ने बरी कर दिया है। इस फैसले ने मध्यप्रदेश की सियासत में हलचल मचा दी है। भाजपा नेताओं ने इसे सत्य और सनातन की जीत बताया।
बीजेपी के नेता बोले- फैसला सनातन के पक्ष में
पूर्व सीएम बोलीं- प्रज्ञा को बहुत प्रताड़ित किया गया पूर्व सीएम उमा भारती ने कहा, "मैं इतनी खुश हूं कि मेरे पास व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं हैं। जब प्रज्ञा नासिक जेल में थीं, मुझे एक पुलिस अधिकारी के माध्यम से पता चला कि उन्हें बहुत प्रताड़ित किया गया था। मैं उनसे मिलने गई थी जब कोई और नहीं जाता था। जब मैं उनसे मिली तो मैं रोई... जिस तरह से उन्हें प्रताड़ित किया गया, वह किसी भी महिला के लिए सहन करना बहुत मुश्किल है।
मंत्री टेटवाल बोले- दूध का दूध और पानी का पानी हो गया मध्यप्रदेश के तकनीकी शिक्षा मंत्री गौतम टेटवाल ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी का कार्यकर्ता राष्ट्रीय विचारधारा का कार्यकर्ता है और न्यायालय पर भरोसा करता है। दूध का दूध और पानी का पानी हो गया है। हमारी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर पर तथाकथित सरकारों द्वारा झूठे मुकदमे लगाए थे। कोर्ट के फैसले से सत्य की जीत हुई।
वीडी शर्मा बोले- भगवा आतंकवाद का झूठा नैरेटिव चला बीजेपी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा बोले- मालेगांव ब्लास्ट में जिन लोगों पर आरोप लगाए गए थे, उन्हें आज अदालत ने बरी कर दिया है। उस समय कांग्रेस के नेताओं, खासतौर पर दिग्विजय सिंह जैसे लोगों ने मध्यप्रदेश में ‘भगवा आतंकवाद’ का एक झूठा नैरेटिव खड़ा करने की कोशिश की थी।
आज के इस निर्णय ने साबित कर दिया कि कांग्रेस ने जानबूझकर ऐसी कथित कहानियां गढ़ीं, ताकि हिंदुत्व पर प्रहार किया जा सके और उसे बदनाम किया जा सके। यह साफ हो गया है कि उन्होंने झूठे आरोप लगाकर निर्दोष लोगों को फंसाने की साजिश रची थी। क्या चिदंबरम, दिग्विजय सिंह और कांग्रेस नेतृत्व इस पर माफी मांगेंगे?
उन्होंने एक झूठे ‘भगवा आतंकवाद’ के नाम पर न केवल लोगों को प्रताड़ित किया, बल्कि पूरे एक विचार और संस्कृति को बदनाम करने की कोशिश की। इसका जवाब अब उन्हें देना चाहिए।
मंत्री शुक्ला बोले- फैसला सनातन के पक्ष में आया है नवकरणीय ऊर्जा मंत्री राकेश शुक्ला ने कहा कि कुछ तथाकथित लोगों ने प्रज्ञा जी पर आरोप लगाया था। न्यायालय के निर्णय का हम स्वागत करते हैं। प्रज्ञा जी हमारी सनातन की एक रक्षक हैं और कहीं ना कहीं ईश्वर की कृपा से जो फैसला आया है, वह सनातन के पक्ष में आया है।
मालिनी गौड़ बोलीं- सत्य की विजय हुई है इंदौर विधानसभा क्रमांक-4 की विधायक मालिनी गौड़ ने कहा कि कांग्रेस को एक साध्वी को इतनी यातनाएं दीं। इसे भगवा आतंकवाद का नाम दिया। कांग्रेस को साध्वी का श्राप लगा है। सत्य की विजय हुई है।
उषा ठाकुर बोलीं- सुनियोजित षड्यंत्र में फंसाया गया पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक उषा ठाकुर ने कहा सत्य की जीत हुई है। प्रज्ञा जी ने जो कष्ट सहे उन पर आज न्याय मिला। हम जानते थे कि हमने अपराध नहीं किया है और सुनियोजित षड्यंत्र के तहत हमें फंसाया गया है तो एक दिन सभी बाइज्जत बरी होंगे।
अर्चना चिटनीस- न्याय व्यवस्था पर श्रध्दा बढ़ी बुरहानुपर विधायक अर्चना चिटनीस ने कहा- 17 साल के संघर्ष के बाद जो निर्दोष लोग पीड़ित होते रहे, प्रताड़ित होते रहे, जिनके साथ अमानवीय व्यवहार किया गया, आज उन्हें न्याय मिला है। ऐसे फैसलों से भारत की न्याय व्यवस्था पर श्रद्धा और भी बढ़ती है।
पूर्व सीएम कमलनाथ बोले- फैसला तो दे दिया है पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कोर्ट का फैसला है। सब को स्वीकार होगा। फैसला है सच है या झूठ, कोर्ट ने तो फैसला दे दिया।
आरिफ मसूद बोले- सुप्रीम कोर्ट में अपील करनी चाहिए भोपाल से कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने कहा, जिस तरह महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई ब्लास्ट केस में अपील की थी।
जयवर्धन सिंह- गांधी के हत्यारों की तारीफ, देश की सोच नहीं कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह ने कहा- आतंकवादी आतंकवादी होता है, उसमें भगवा कहना गलत है। मेरी निजी सोच है कि जो लोग गोडसे का समर्थन करते हैं, कम से कम लोकतंत्र में उनके लिए हमारे दिल में कोई जगह नहीं है। साध्वी प्रज्ञा कई बार गांधी जी के हत्यारों की तारीफ कर चुकी हैं, जो हमारे देश के सोच के विपरीत है।
साधु-संत बोले- सनातन धर्म की जीत हुई
उज्जैन से संत विशाल दास ने कहा "आज सत्य की जीत हुई है, आज सनातन धर्म की जीत हुई है। हमारा सनातन धर्म, जिसे कुछ लोगों ने बदनाम करने की कोशिश की थी, उन्होंने भगवा को आतंकवाद का प्रतीक बताने की कोशिश की थी आज उसी भगवा को न्याय मिला है।
हमारा भगवा आतंकवाद का प्रतीक नहीं है, बल्कि वह उस भावना का प्रतीक है, जो शास्त्रों में वर्णित है,
'सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामयाः। सर्वे भद्राणि पश्यन्तु, मा कश्चिद्दुःखभाग्भवेत्।'
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