सीतामढ़ी-जयनगर-निर्मली रेल: मिथिला में विकास और भारत-नेपाल व्यापार को मिलेगा नया उड़ान

Oct 3, 2025 - 17:14
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सीतामढ़ी-जयनगर-निर्मली रेल: मिथिला में विकास और भारत-नेपाल व्यापार को मिलेगा नया उड़ान

पटना
उत्तर बिहार के लोगों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है! 2400 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली सीतामढ़ी-जयनगर-निर्मली रेलवे लाइन परियोजना को केंद्रीय कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है। इस परियोजना से मिथिला क्षेत्र के विकास को नई रफ्तार मिलने की उम्मीद है। 189 किलोमीटर लंबी इस रेलवे लाइन में कुल 25 स्टेशन होंगे, जिनमें 4 पुराने स्टेशनों के अलावा 21 नए स्टेशनों का निर्माण किया जाएगा। इन नए स्टेशनों में भुटाही, सोनबरसा, सुरसंड, उमगांव, लालमनी और लौकाहीं जैसे प्रमुख स्टेशन शामिल हैं।

जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद संजय कुमार झा ने इस परियोजना को मंजूरी मिलने पर खुशी जताई है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रति आभार व्यक्त किया है। झा ने कहा कि इस रेलवे लाइन के बनने से भारत और नेपाल के रिश्ते और व्यापार मजबूत होंगे। मिथिला क्षेत्र के चार लोकसभा क्षेत्रों - सीतामढ़ी, मधुबनी, झंझारपुर और सुपौल के लोगों के लिए आवागमन की सुविधाएं बेहतर होंगी।
 
इस परियोजना से सीतामढ़ी, मधुबनी और सुपौल जिलों की अर्थव्यवस्था को नए पंख लगेंगे। सुरसंड ट्राइबल एरिया से होते हुए पूरे भारत-नेपाल बॉर्डर को छूते हुए गुजरने वाली इस रेलवे लाइन से न केवल आवागमन सुगम होगा, बल्कि व्यापार, पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी अभूतपूर्व गति मिलेगी। रेल लाइन के निर्माण से स्थानीय बाजार, छोटे-बड़े उद्योगों और मिथिला की सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने वाले पर्यटन को नई गति मिलेगी।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 8 अगस्त 2025 को सीतामढ़ी में 2400 करोड़ रुपये के बजट की घोषणा की थी, और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने परियोजना को जल्द शुरू करने का आश्वासन दिया है। जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार झा ने कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में आधारभूत ढांचे के विकास पर विशेष जोर है, और यह परियोजना तय समय-सीमा में पूरी होगी।

डबल इंजन सरकार (केंद्र में नरेंद्र मोदी और बिहार में नीतीश कुमार) की विकास परियोजनाओं का यह एक बड़ा उदाहरण है। परियोजना के पूरा होने से मिथिला क्षेत्र आर्थिक और सामाजिक रूप से समृद्ध होगा। इस रेलवे लाइन से भारत-नेपाल के बीच बेटी-रोटी के नाते और मजबूत होंगे, और सीतामढ़ी, मधुबनी, झंझारपुर और सुपौल के लोगों को इसका सीधा लाभ मिलेगा।

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