तरैया विधानसभा सीट महाराजगंज लोकसभा के तहत आता है, क्या कायम रहेगा बीजेपी का कब्जा?

Jun 12, 2025 - 14:44
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तरैया विधानसभा सीट महाराजगंज लोकसभा के तहत आता है, क्या कायम रहेगा बीजेपी का कब्जा?

महाराजगंज
तरैया विधानसभा सीट महाराजगंज लोकसभा के तहत आता है। 1967 में तरैया सीट अस्तित्व में आई थी। 1967 में हुए चुनाव में तरैया सीट से संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के कैंडिडेट धर्मनाथ सिंह ने जीत हासिल की थी। 1969 में तरैया सीट पर जनता पार्टी के कैंडिडेट प्रभु नारायण सिंह ने विरोधियों को मात दे दिया था। वहीं 1972 में प्रजा सोशलिस्ट पार्टी की टिकट पर प्रभुनाथ सिंह ने तरैया सीट से जीत हासिल कर ली थी। 1977 में जनता पार्टी की टिकट पर धर्मनाथ सिंह जीत का परचम लहरा दिया था। 1980 में कांग्रेस की टिकट पर फिर एक बार प्रभुनाथ सिंह ने विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की थी। 

वहीं 1985 में बीजेपी के कैंडिडेट रामदास राय ने चुनाव में तरैया सीट पर जीत हासिल किया था। 1990 में जनता दल के टिकट पर राजीव प्रताप रूडी ने विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की थी।1995 में रामदास राय ने तरैया सीट पर विधानसभा चुनाव में जनता दल के टिकट पर विरोधियों को शिकस्त दे दिया था। वहीं 2000 और 2005 के चुनाव में तरैया सीट पर रामदास राय ने आरजेडी की टिकट पर जीत का सिलसिला बरकरार रखा था। 2010 में बीजेपी के कैंडिडेट जनक सिंह ने सभी विरोधियों को हरा कर जीत का परचम लहरा दिया था। 2015 के चुनाव में तरैया से आरजेडी के कैंडिडेट मुद्रिका प्रसाद राय ने विरोधियों को हरा कर जीत हासिल की थी लेकिन 2020 के चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार जनक सिंह ने यहां आरजेडी को मात दे दिया था। 

वहीं 2020 के विधानसभा चुनाव में तरैया सीट पर बीजेपी उम्मीदवार जनक सिंह ने जीत का परचम लहराया था। जनक सिंह को 53 हजार चार सौ तीस वोट मिला था तो आरजेडी कैंडिडेट सिपाही लाल महतो 42 हजार एक सौ 23 वोट लाने में सफल रहे थे। इस तरह से जनक सिंह ने सिपाही लाल महतो को 11 हजार तीन सौ सात वोटों के अंतर से हरा दिया था। वहीं निर्दलीय कैंडिडेट सुधीर कुमार सिंह 15 हजार चार सौ 25 वोट लाकर तीसरे स्थान पर रहे थे। 

वहीं 2015 के विधानसभा चुनाव में तरैया सीट से आरजेडी कैंडिडेट मुद्रिका प्रसाद राय ने जीत हासिल की थी। मुद्रिका प्रसाद राय को 69 हजार 12 वोट मिला था तो बीजेपी कैंडिडेट जनक सिंह को 48 हजार पांच सौ 72  वोट ही मिल पाया था। इस तरह से मुद्रिका प्रसाद राय ने जनक सिंह को 20 हजार चार सौ 40 वोट के अंतर से हरा दिया था। वहीं निर्दलीय कैंडिडेट ब्रज बिहारी सिंह, 3 हजार नौ सौ 80 वोट के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे। 

वहीं 2010 के विधानसभा चुनाव में तरैया सीट से बीजेपी कैंडिडेट जनक सिंह ने जीत हासिल की थी। जनक सिंह को 26 हजार छह सौ वोट मिला था तो कांग्रेसी कैंडिडेट तारकेश्वर सिंह ने 19 हजार छह सौ 30 वोट हासिल किया था। इस तरह से जनक सिंह ने तारकेश्वर सिंह को 6 हजार नौ सौ 70 वोट के अंतर से हरा दिया था। वहीं निर्दलीय कैंडिडेट मुद्रिका प्रसाद राय, 16 हजार तीन सौ 38 वोट लेकर तीसरे स्थान पर रहे थे। 

वहीं 2005 के विधानसभा चुनाव में तरैया सीट से आरजेडी कैंडिडेट रामदास राय ने जीत हासिल की थी। रामदास राय को 29 हजार छह सौ 15 वोट मिला था तो बीजेपी कैंडिडेट जनक सिंह 22 हजार आठ सौ दो  वोट ही हासिल कर पाए थे। इस तरह से रामदास राय ने जनक सिंह को 6 हजार आठ सौ 13 वोट के कम अंतर से हरा दिया था। वहीं बीएसपी कैंडिडेट कमला प्रसाद सिंह, 12 हजार तीन सौ 14 वोट हासिल कर तीसरे स्थान पर रहे थे। 

तरैया सीट पर यादव और राजपूत वोटरों का दबदबा है। दोनों सामाजिक समूहों की आबादी लगभग 42 फीसदी है। वैसे इस सीट को आरजेडी को गढ़ माना जाता था लेकिन 2020 के चुनाव में यहां बीजेपी ने आरजेडी को शिकस्त दे दिया था। इस बार तेजस्वी यादव अपने पुराने गढ़ को फिर से हासिल करने के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं लेकिन अपने मकसद में तेजस्वी यादव कितना सफल होंगे ये तो आने वाले वक्त ही बताएगा। 

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