सुप्रीम कोर्ट में एक पीआईएल दाखिल कर मांग की गई है कि एअर इंडिया के बोइंग विमानों का किया संचालन बंद

Jun 24, 2025 - 16:14
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सुप्रीम कोर्ट में एक पीआईएल दाखिल कर मांग की गई है कि एअर इंडिया के बोइंग विमानों का किया संचालन बंद

नई दिल्ली 
सुप्रीम कोर्ट में एक पीआईएल दाखिल कर मांग की गई है कि एअर इंडिया के बोइंग विमानों का संचालन बंद कर दिया जाए। इस याचिका में कहा गया है कि लोगों की सुरक्षा की लिहाज से जब तक सेफ्टी ऑडिट पूरी नहीं हो जाती तब तक बोइंग विमानों का इस्तेमाल ना किया जाए। 12 जून को अहमदाबाद में एअर इंडिया के बोइंग 171 विमान हादसे के बाद एक वकील अजय बंसल ने सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल फाइल की है। इस हादसे में कम से कम 241 यात्रियों और चालक दल के सदस्यों की मौत हो गई थी। डॉक्टरों के हॉस्टल पर विमान गिरने की वजह से 29 अन्य लोगों की भी जान चली गई थी

याचिकाकर्ता ने कहा कि वह अपनी पत्नी के साथ एअर इंडिया 127 विमान से दिल्ली से शिकागो जा रहे थे। उन्होंने बिजनस क्लास की सीट बुक की थी। हालांकि सीट ठीक से काम नहीं कर रही थी। फ्लाइट का इंटरटेनमेंट सिस्टम भी खराब था। इसके अलावा काफी समय तक एयर कंडीशन भी नहीं काम कर रहा था।

याचिकाकर्ता ने एअर इंडिया से इसकी शिकायत की। एयरलाइन ने कहा कि विमान की एक ही सीट पर दिक्कत आ रही थी। इसके बाद उन्हें 10 हजार रुपये का मुआवजा दिया गया। उन्होंने कहा कि यह कोई अकेली घटना नहीं है। अकसर सोशल मीडिया पर लोग वीडियो शेयर करते हैं और एअर इंडिया के विमानों की परेशानियां शेयर करते हैं। उन्होंने कहा कि 12 जून के हादसे से विमानों के मेंटिनेंस और जांच को लेकर बड़े सवाल खड़े होते हैं।

याचिकाकर्ता ने यह भी कहा कि डीजीसीए की उन रिपोर्टों के बारे में भी जानकारी मिलनी चाहिए जिनमें एअर इंडिया ने आंतरिक सुरक्षा की गलत जानकारी दी थी। बड़े एयरपोर्ट्स पर की गई जांच में भी गड़बड़ियां पाई गई थीं। कई मामलों में ऑडिटर एक आम यात्री की तरह सफर करते पाए गए थे। उन्होंने कहा कि 2022 में टाटा ग्रुप को कमान मिलने के बाद भी यात्रियों की सेवा और सुरक्षा को लेकर बड़ी कमियां पाई जा रही हैं।

याचिकाकर्ता ने कहा कि अनफिट एयरक्राफ्ट की उड़ान तुरंत बंद कर देनी चाहिे। इसके अलावा केबिन सिस्टम, एयरफ्रेम और इंजन की नियमित जांच को लेकर नए नियम बनाए जाने की जरूरत है। वकील ने कोर्ट से अपील की कि एयरलाइन को सेफ्टी ऑडिट की रिपोर्ट सार्वजनिक करने के निर्देश दिए जाएं और ऐसा ना करने पर उचित कार्रवाई की जाए।

 

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