उत्तरप्रदेश में फर्राटा भरने को तैयार एक और एक्सप्रेसवे, गोरखपुर से लखनऊ महज 3 घंटे में

Jun 19, 2025 - 07:44
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उत्तरप्रदेश में फर्राटा भरने को तैयार एक और एक्सप्रेसवे, गोरखपुर से लखनऊ महज 3 घंटे में

 गोरखपुर 

पूर्वांचल को रफ्तार की सौगात मिलने जा रही है। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे खुलने को तैयार है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कल 20 जून को गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का उद्घाटन करेंगे। इसके बाद चालू हो जाएगा। प्रवेश नियंत्रित मार्ग होने के कारण गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे की कुल 91.35 किमी की दूरी एक घंटे से भी कम समय में पूरी की जा सकती है। यही नहीं, इस लिंक एक्सप्रेसवे से होकर, आजमगढ़ में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे होते हुए लोगों को गोरखपुर से लखनऊ पहुंचने में महज साढ़े तीन घंटे का समय लगेगा। इसके साथ लखनऊ के बाद भी आगरा, यमुना एक्सप्रेसवे के जरिए पूर्वांचल से दिल्ली तक सफर आसान होगा।

इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू होने के साथ ही रफ्तारपूर्ण यातायात सुगमता, उद्योग और इसके जरिये रोजगार को लेकर सरकार ने जो पूर्वानुमान लगाए थे, वे साकार भी होने लगे हैं। लिंक एक्सप्रेसवे की बेहतरीन कनेक्टिविटी से पूर्वी उत्तर प्रदेश के विकास का नक्शा और सुनहरा होना तय माना जा रहा है।

उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) के अनुसार, गोरखपुर, संतकबीरनगर, अंबेडकरनगर और आजमगढ़ जिले में पड़ने वाले एक्सप्रेसवे के निर्माण पर 7283 करोड़ 28 लाख रुपये की लागत आई है। इसमें भूमि अधिग्रहण की लागत भी शामिल है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्राथमिकता वाली परियोजनाओं में से एक गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे गोरखपुर बाईपास एनएच- 27 ग्राम जैतपुर के पास से प्रारंभ होकर पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर आजमगढ़ के सालारपुर में समाप्त हो रहा है। इस एक्सप्रेसवे से गोरखपुर क्षेत्र, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के माध्यम से लखनऊ, आगरा एवं दिल्ली तक त्वरित एवं सुगम यातायात कॉरिडोर से जुड़ रहा है।

राज्य सरकार का रोड इंफ्रास्ट्रक्चर सुदृढ़ करने पर सतत जोर है। गोरखपुर पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रमुख केंद्र है और चारों तरफ फोरलेन सड़कों की कनेक्टिविटी से यह विकास के नए मॉडल के रूप में विकसित हो रहा है। विकास की इस प्रक्रिया में नवनिर्मित गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे और भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। 91 किमी से अधिक लंबाई वाला यह एक्सप्रेसवे आजमगढ़ में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जुड़कर राजधानी लखनऊ और फिर वहां से अन्य प्रमुख महानगरों की राह सुगम करेगा। यातायात सुगमता का सकारात्मक असर व्यापार और उद्योग पर भी पड़ेगा।

खुल गया गोरखपुर एक्सप्रेसवे

पूर्वी उत्तर प्रदेश को सड़क मार्ग के जरिए रफ्तार देने की दिशा में एक कदम और बढ़ चुका है। जी हां, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे की राइडिंग क्वालिटी और राइडिंग कंफर्ट का टेस्ट होते ही वाहनों के लिए 20 जून को खोल दिया जाएगा। इस एक्सप्रेसवे पर 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गाड़ियां दौड़ा सकेंगे। उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPIEDA) ने गोरखपुर एक्सप्रेसवे के निर्माण में वाइब्रेशन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित ईटीएच यूनिवर्सिटी ज्यूरिख, स्विट्जरलैंड और इसी यूनिवर्सिटी की स्वतंत्र कंपनी (स्पिन ऑफ कंपनी) आरटीडीटी लैबोरेटरी एजी की तकनीक और उपकरणों का इस्तेमाल किया है।

इस तकनीकि का किया गया इस्तेमाल

इसके अंतर्गत वाइब्रेशन टेक्नोलॉजी एंड एक्सीलरोमीटर बेस्ड 7 सेंसर (4 राइडिंग क्वालिटी और 3 राइडिंग मोशन के लिए), एस मोशन सेंसर, मिजरमेंट और डाटा कलेक्शन के आवश्यक उपकरण इनोवा वाहन में स्थापित किए गए। यूपीडा ने इस तकनीक से प्रदेश के सभी एक्सप्रेसवे के प्रत्येक लेन की राइडिंग क्वालिटी और राइडिंग कंफर्ट सुनिश्चित करने के लिए संपूर्ण जांच तथा सुधारात्मक उपाय करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के निर्माण के बाद फोर लेन की जांच पूर्ण की जा चुकी है और प्राप्त मूल्यांकित आंकड़ों और परिणाम के आधार पर राइडिंग क्वालिटी एवं राइडिंग कंफर्ट में सुधार कर इसे विश्व स्तरीय बना लिया गया है।

एडवांस्ड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम से लैस एक्सप्रेसवे

गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे को एडवांस्ड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (Advanced Traffic Management System एटीएमएस) से लैस किया गया है। इससे पहले, यूपीडा द्वारा बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे (Bundelkhnad Expressway) को भी आईटीएमएस युक्त करने की प्रक्रिया को लेकर भी कार्य शुरू किया गया था जो कि निरंतर प्रगति पर है। गोरखपुर एक्सप्रेसवे के निर्माण से आर्थिक विकास के साथ कृषि क्षेत्र, व्यापार, पर्यटन और उद्योग धंधों, होटल रेस्टोरेंट में बढ़ोतरी होगी। इसके अलावा एक्सप्रेसवे के दोनों ओर औद्योगिक कॉरिडोर बनाए जाएंगे, जिससे स्थानीय लोगों को प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष तौर पर रोजगार मिलेगा। साथ रियल स्टेट क्षेत्र को बूस्ट मिलेगा।

लखनऊ पहुंचने में नहीं लगेगी देर

पूर्वी यूपी यानी गोरखपुर से लखनऊ को जोड़ने के लिए गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे अहम भूमिका निभाएगा। 91 किलोमीटर लंबा तक फैला यह 4 लेन एक्सप्रेसवे गोरखपुर और आजमगढ़ को सीधे जोड़ेगा। इसके अलावा यह पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से भी जुड़ेगा, जिससे लखनऊ और गोरखपुर के बीच अधिक सुविधाजनक मार्ग और कम समय में यात्रा पूरी हो सकेगी। इस हाईटक मार्ग से गोरखपुर, अम्बेडकरनगर, संतकबीरनगर, आजमगढ़ सीधे तौर पर लाभान्वित होंगे।

गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे की खासियत

गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे को आईटीएमएस इनेबल्ड बनाने की कार्ययोजना के तहत ट्रैफिक मैनेजमेंट कमांड सेंटर की स्थापना की गई। इसके जरिए ट्रैफिक मॉनिटरिंग व मैनेजमेंट प्रक्रिया को बल मिलेगा। ट्रैफिक मैनेजमेंट कंट्रोल (Traffic Management Control) यूनिट को रिकॉर्डिंग सर्वर स्टोरेज व बैकअप रिकॉर्डिंग्स सर्वर युक्त किया जाएगा। टीएमसी यूनिट को फैसिलिटी मॉनिटरिंग सिस्टम कंट्रोलर, ग्राफिक डिस्पले, इंटरनेट व एसएमएस सर्वर तथा फाइबर चैनल होस्ट से युक्त किया जाएगा। इमर्जेंसी टेलिफोन हेल्पलाइन कंसोल, स्टाफ के लिए आधार इनेबल्ड बायोमीट्रिक फिंगरप्रिंट स्कैनर मशीन समेत विभिन्न प्रकार की सुविधाओं से टीएमसी यूनिट को युक्त किया जाएगा।

कैमरा रखेगा निगरानी

मोशन डिटेक्शन सर्विलांस कैमरा व व्हीकल स्पीड डिटेक्शन सिस्टम को गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ इंस्टॉल किया गया है। इससे, ओवरस्पीडिंग (Overspeeding) करने वाली गाड़ियों के विषय में अलर्ट जारी हो सकेगा और कंट्रोल रूम द्वारा इसे तुरंत ट्रैक किया जा सकेगा। वहीं, वीडियो इंसिडेंट डिटेक्शन एनफोर्स्ड सिस्टम (वीआईडीएस) तथा इंसिडेंट डिटेक्शन एनफोर्स्ड सिस्टम (आईडीएस) को भी आईटीएमएस प्रक्रिया के अंतर्गत लागू किया जाएगा। चयनित एजेंसी को इन सभी इक्विप्मेंट्स की प्रोक्योरमेंट, इस्टॉलेशन, ऑपरेशन व मेंटिनेंस से संबंधित कार्यों को पूर्ण करना होगा। इसके अतिरिक्त यूपीडा स्टाफ को इसके संचालन के लिए ट्रेनिंग भी उपलब्ध करायी जाएगी। इस क्रम में, टेक्निकल स्टाफ व कंट्रोल रूम ऑपरेशन स्टाफ की नियुक्ति का कार्य भी एजेंसी द्वारा पूर्ण किया जाएगा।


गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे : एक नजर में

-प्रारंभ बिंदु : जैतपुर (गोरखपुर)

-अंतिम बिंदु : सालारपुर (आजमगढ़) -पूर्णतः प्रवेश नियंत्रित फोरलेन (सिक्सलेन में विस्तारणीय)

-2 टोल प्लाजा

3 रैम्प प्लाजा

-7 फ्लाईओवर

-16 वेहिकुलर अंडरपास

-50 लाइट वेहिकुलर अंडरपास

-35 पेडेस्ट्रीयन अंडरपास

-7 दीर्घ सेतु

-27 लघु सेतु

-389 पुलिया

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