हरियाणा के सरकारी स्कूलों में फर्जी एडमिशन मामले में CBI ने शुरू की जांच, सिरसा तक जांच का दायरा

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हरियाणा के सरकारी स्कूलों में चार लाख फर्जी दाखिलों की जांच अब सिरसा के 35 स्कूलों तक पहुंच गई है, जहां 2,938 फर्जी एडमिशन पाए गए थे। सीबीआई ने सात अगस्त को जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखकर 14 स्कूलों के मुखियाओं को चंडीगढ़ मुख्यालय में बुलाया है। ये मुखिया 13, 14 और 18 अगस्त को अलग-अलग दिन अपना रिकॉर्ड सीबीआई अधिकारियों के समक्ष पेश करेंगे।
साल 2013 तक हरियाणा के सरकारी स्कूलों में दाखिले मैन्युअली होते थे। लेकिन 2014-15 से बच्चों के आधार कार्ड के साथ एमआईएस पोर्टल पर डाटा अपलोड किया जाने लगा, जिससे दाखिले कम दिखने लगे। इसी कारण 2014-15 और 2015-16 के बीच सिरसा के 35 स्कूलों में 2,938 बच्चों के दाखिले में अंतर पाया गया।
सिरसा के नौ स्कूलों में 100 से लेकर 198 बच्चों के दाखिले का अंतर सबसे ज्यादा है, जिसमें जीपीएस नंबर पांच स्कूल में 198 फर्जी दाखिले शामिल हैं। फर्जी एडमिशन का खुलासा 2015 में हुआ, जब गेस्ट टीचर्स की नौकरी से हटाए जाने के विरोध में मामला सामने आया।
सरकार ने माना है कि 22 लाख दाखिलों में से 4 लाख दाखिले फर्जी हैं। इस पर अदालत ने जांच का आदेश दिया। अदालत ने पाया कि फर्जी दाखिलों के कारण मिड-डे मील, वर्दी और छात्रवृत्ति जैसे लाभों में घोटाला हुआ है। चंडीगढ़ की सीबीआई ने इस मामले में तीन एफआईआर भी दर्ज की हैं।
पहले ये स्कूलों के मुखिया पेश होंगे
13 अगस्त: जीपीएस मलडी, जीपीएस नागोकी, जीएसएसएस डबवाली, जीजीएसएसएस डबवाली, जीजीपीएस वार्ड नंबर 6 ऐलनाबाद, जीपीएस मेहनाखेड़ा
14 अगस्त: जीजीएचएस डिंग, जीपीएस जोधका, जीपीएस नुहियांवाली, जीपीएस कालांवाली मंडी, जीपीएस रानियां, जीजीपीएस नाथोवाला मोहल्ला रानियां
18 अगस्त: जीएचएस महावीर दल, जीपीएस नंबर पांच सिरसा
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