BJP अध्यक्ष पद की उलटी गिनती शुरू: 4 दिग्गज नेता रेस में, जल्द होगा ऐलान

Sep 13, 2025 - 12:14
 0  6
BJP अध्यक्ष पद की उलटी गिनती शुरू: 4 दिग्गज नेता रेस में, जल्द होगा ऐलान

नई दिल्ली
भारतीय जनता पार्टी (BJP) कई महीनों से राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव को टालती आ रही है। इसका सबसे बड़ा कारण राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के साथ शीर्ष भाजपा नेतृत्व के तल्ख रिश्ते को माना जा रहा है। हालांकि, बीते कुछ महीनों से दोनों ही तरफ से संबंधों को सामान्य करने और दिखाने की कोशिशें की जा रही हैं। आरएसएस और भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने ही इसकी जिम्मेदारी संभाली है। इसके बाद अब इस बात की संभावना जताई जा रही है कि भाजपा के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम का ऐलान पार्टी कभी भी कर सकती है।

2014 के लोकसभा चुनाव से पहले जब भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने आरएसएस की जरूरत को लेकर बयान दिया तो हर कोई अचरज में पड़ गया। सूत्रों का कहना है कि आरएसएस को भी यह बात नागवार गुजरी। इसका खामियाजा भगवा पार्टी को लोकसभा चुनाव में देखने को मिला, जब भाजपा 240 सीटों पर सिमट कर रह गई, जबकि उसने पूरे चुनाव प्रचार के दौरान 'अबकी बार 400 पार' का नारा दिया था। कहा जाता है कि संघ के कार्यकर्ताओं ने इस चुनाव में अनमने ढंग से भाजपा का साथ दिया था। आपको बता दें कि नड्डा ने कहा था कि भाजपा को अब संघ की जरूरत नहीं रह गई है।

15 अगस्त को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाल किला से देश को संबोधित कर रहे थे, तब उन्होंने आरएसएस की तारीफ करते हुआ इसे दुनिया का सबसे बड़ा एनजीओ बताया। इसके बाद मोहन भागवत ने नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आरएसएस के एक कार्यक्रम में साफ शब्दों में कहा था कि राजनीति हो या समाज सेवा इसमें रिटायरमेंट की कोई उम्र नहीं होती है। इससे पहले संघ प्रमुख ने ही कहा था कि 75 साल की उम्र में लोगों को खुद से रिटायर हो जाना चाहिए। आपको बता दें कि इसी साल प्रधानमंत्री 75 साल के होने वाले हैं।

आरएसएस की प्रशंसा करने वालों में प्रधानमंत्री मोदी ही अकेले नहीं हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमिता शाह ने भी हाल ही में कई मौकों पर आरएसएस की सराहना की है। उन्होंने साफ-साफ कहा है कि उन्हें स्वयंसेवक होने पर गर्व है। आरएसएस का कार्यकर्ता होना किसी भी कीमत पर निगेटिव पॉइंट नहीं हो सकता है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि किसी भी स्वयंसेवक को तब तक नहीं रुकना है जब तक कि भारत फिर से महान नहीं बन जाता है।

भाजपा के दोनों दिग्गज नेताओं और आरएसएस चीफ के बयान से भाजपा और संघ के बीच रिश्ते सामान्य होने के संकेत मिल रहे हैं। अब इस बात की प्रबल संभावना है कि दोनों ही संगठन मिलकर जल्द ही भाजपा के अगले राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम पर अंतिम मुहर लगा सकते हैं। हालांकि संघ न कई मौकों पर कहा है कि सरकार या भाजपा के कार्यों में आरएसएस का हस्तक्षेप नहीं होता है।

आरएसएस और भाजपा के बीच सामान्य हुए रिश्तों में कई दावेदारों के नाम की चर्चा होने लगी है। उनमें सबसे पहला नाम शिवराज सिंह चौहान का आता है, जो कि वर्तमान केंद्र सरकार में मंत्री हैं। वहीं, नितिन गडकरी के नाम पर भी अंदरखाने चर्चा होने लगी है। इसके अलावा, केंद्रीय मंत्री और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और घर्मेंद्र प्रधान का नाम भी रेस में शामिल होने की चर्चा है। भाजपा अक्सर अपने फैसलों से सियासी पंडितों को चौंकाती रही है। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा का अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन बनता है।

 

What's Your Reaction?

Like Like 0
Dislike Dislike 0
Love Love 0
Funny Funny 0
Angry Angry 0
Sad Sad 0
Wow Wow 0