अहमदाबाद हादसे के बाद पटना एयरपोर्ट के रनवे के विस्तार पर चर्चा, कमेटी ने सौंपी अपनी रिपोर्ट

पटना
आज से 25 साल पहले पटना एयरपोर्ट पर उतरते समय एक विमान अचानक नीचे गिर गया था। उसमें सवार 58 लोगों में से 55 की मौत हो गई थी। अब उस विमान हादसे के बाद जब अहमदाबाद में उड़ान भरते ही एयर इंडिया का विमान गिरा तो पटना एयरपोर्ट की सुरक्षा की चिंता उभरी है। इस चिंता को देखते हुए पटना का आसमानी नक्शा बदलने की तैयारी हो रही है। इस तैयारी में पटना सचिवालय के ऐतिहासिक वाच टावर को भी छोटा किया जाएगा। जानें, और क्या-क्या तैयारी हो रही?
चिड़ियाखाना के अंदर के हिस्सों को हटाया जा सकता
अहमदाबाद हादसे के बाद देश के कुछ एयरपोर्ट समेत पटना एयरपोर्ट का रनवे भी मानक के अनुरूप नहीं है। अब पटना एयरपोर्ट के रनवे के विस्तार के लिए छह सदस्यीय कमेटी ने अपनी रिपोर्ट पटना के डीएम डॉ. त्यागराजन को सौंप दी है। बताया जा रहा है कि रनवे की लंबाई को बढ़ाकर 12 हजार फीट करना है। कमेटी की ओर से इसके लिए 700 मीटर जमीन मांगी गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि रनवे के पूर्वी हिस्से में 500 और पश्चिम में 200 मीटर विस्तारीकरण का प्रस्ताव दिया गया है। पश्चिमी हिस्से की जमीन उपलब्ध होने ज्यादा समस्या नहीं होगी। वहीं पूरब में पांच सरकारी आवास, कार्यालय और चिड़ियाखाना की जमीन है। इसमें कई महत्वपूर्ण हिस्सों को हटाना पड़ेगा। यह जमीन वन एवं पर्यावरण विभाग की अंदर आती है। इसलिए इस विभाग की सहमतति के बाद चिड़ियाखाना के अंदर के हिस्सों को हटाया जा सकता है।
विमान की लैंडिंग में परेशान होने की बात कही है
इधर, सचिवालय टावर को भी छोटा करने का प्रस्ताव दिया गया है। एयरपोर्ट प्रशासन ने इसकी ऊंचाई अधिक होने के कारण विमान की लैंडिंग में परेशान होने की बात कही है। वर्तमान में टावर की ऊंचाई 49.5 मीटर है। एयरपोर्ट प्रबंधन का कहना है कि इस कारण विमानों को तीन की बजाय साढ़े तीन डिग्री पर लैंडिंग करवानी पड़ती है। यह मानक के अनुसार नहीं है। एयरपोर्ट की ओर से टावर की ऊंचाई को 17.5 मीटर कम करने की मांग की गई है। ऊंचाई कम होने से विमान आसानी से रनवे पर लैंड कर सकेंगे।
25 साल पहले हआ था विमान हादसा
पटना के गर्दनीबाग में 25 साल साल पहले विमान हादसा हुआ था। 17 जुलाई 2000 को कोलकाता एयरपोर्ट से एक विमान दिल्ली जा रहा था। सुबह 9:20 बजे पटना एयरपोर्ट पर लैंड करना था। लैंडिंग से पहले विमान में खराबी आ गई। पायलट ने संभलने की कोशिश की लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। देखते ही देखते विमान गर्दनीबाग में सरकारी आवास के ऊपर जाकर गिर गया। इस हादसे में कई लोगों की मौत हो गई है। इसमें 55 यात्री, पायलट, को-पालयट, चार क्रू मेंबर समेत गर्दनीबाग के पांच लोगों की मौत हो गई थी।
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