हरियाणा:IPS अधिकारी की आत्महत्या: DGP समेत 14 अधिकारियों पर FIR, सुसाइड नोट से खुलासा, IAS पत्नी ने SSP से की तीखी बात

Oct 10, 2025 - 11:44
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हरियाणा:IPS अधिकारी की आत्महत्या: DGP समेत 14 अधिकारियों पर FIR, सुसाइड नोट से खुलासा, IAS पत्नी ने SSP से की तीखी बात

चंडीगढ़ 

हरियाणा के सीनियर IPS अफसर पूरन कुमार के सुसाइड केस में डीजीपी शत्रुजीत कपूर और रोहतक एसपी नरेंद्र बिजारणिया सहित 14 अफसरों पर गुरुवार देर रात एफआईआर दर्ज कर ली गई।सेक्टर 11 थाने में घटना के तीसरे दिन सुसाइड नोट के आधार पर धारा 108 आरडब्ल्यू 3(5) बीएनएस और 3(1)(आर) पीओए (एससी/एसटी) अधिनियम के अंतर्गत एफआईआर दर्ज की गई। पूरण कुमार ने अपने सुसाइड नोट में डीजीपी शत्रुजीत कपूर, रोहतक के एसपी नरेंद्र बिजारणिया समेत 10 से अधिक अधिकारियों पर उत्पीड़न, जातिगत प्रताड़ना और सार्वजनिक अपमान के आरोप लगाए थे।  

 सुसाइड नोट के आधार पर केस दर्ज
इस मामले में पूरण कुमार की पत्नी आईएएस अमनीत पी कुमार ने बुधवार को सेक्टर 11 थाने में डीजीपी शत्रुजीत कपूर और रोहतक के एसपी नरेंद्र बिजारणिया के खिलाफ आत्महत्या के लिए मजबूर करने की शिकायत दी थी। चंडीगढ़ पुलिस का कहना है कि सुसाइड नोट के आधार पर केस दर्ज करके सभी आरोपियों के खिलाफ जांच शुरू कर दी गई है। जल्द आरोपियों को पूछताछ के लिए तलब किया जा सकता है।

SSP को चिट्ठी में क्या लिखा?

हरियाणा के आईपीएस अधिकारी एडीजीपी वाई पूरण कुमार की आत्महत्या मामला अभी शांत नहीं हुआ है। मामले में चंडीगढ़ पुलिस ने वीरवार रात को सुसाइड नोट के आधार पर केस दर्ज किया था। बावजूद इसके एडीजीपी वाई पूरण कुमार की पत्नी आईएएस अधिकारी अमनीत पी कुमार ने दर्ज एफआईआर पर सवाल उठाए हैं। अमनीत पी कुमार ने चंडीगढ़ पुलिस की महिला एसएसपी कंवरदीप कौर को पत्र लिखकर एफआईआर को अधूरा बताया है।

अमनीत पी कुमार ने आरोप लगाया है कि चंडीगढ़ पुलिस की तरफ से दर्ज की गई एफआईआर में कई गंभीर खामियां हैं, जिनमें मुख्य आरोपियों के नाम स्पष्ट रूप से दर्ज नहीं किए गए हैं। वहीं आरोपियों के खिलाफ एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम की कमजोर धाराएं लगाई गई हैं।

अमनीत पी कुमार ने पत्र में लिखा कि एफआईआर की प्रति उन्हें 9 अक्तूबर की रात 10:22 बजे स्वयं एसएसपी द्वारा उनके सेक्टर-24ए स्थित आवास पर सौंपी गई थी, लेकिन वह बिना हस्ताक्षर और अधूरी थी। उन्होंने कहा कि शिकायत में जिन दो अधिकारियों डीजीपी शत्रुजीत कपूर और रोहतक एसपी नरेंद्र बिजारणिया के नाम दर्ज थे, उन्हें एफआईआर के कॉलम नंबर 7 में शामिल नहीं किया गया।

उन्होंने यह भी आग्रह किया है कि मामले में एससी/एसटी एक्ट की धारा 3(2)(वी) को भी जोड़ा जाए, क्योंकि वर्तमान में लगाई गई धाराएं कमजोर हैं और वास्तविक स्थिति को नहीं दर्शाती। उन्होंने एसएसपी से इस पूरे मामले में तत्काल हस्तक्षेप कर एफआईआर में संशोधन और आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है।

इसके साथ ही उन्होंने यह गंभीर आरोप लगाया कि आईपीएस वाई पूरण कुमार द्वारा छोड़े गए फाइनल नोट की प्रतियां अब तक उन्हें उपलब्ध नहीं कराई गई हैं। अमनीत ने मांग की है कि 7 अक्तूबर 2025 की दिनांक वाले दोनों नोट एक जो मृतक की जेब से और दूसरा लैपटॉप बैग से बरामद हुआ की प्रमाणित प्रतियां तुरंत उपलब्ध कराई जाएं, ताकि एफआईआर में उल्लिखित सामग्री की सच्चाई की पुष्टि की जा सके।  

 अधिकारी आधिकारिक तौर पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं
वीरवार सुबह तक चंडीगढ़ पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी इस मामले में एफआईआर दर्ज करने से पहले कानूनी राय लेने की बात कह रहे थे लेकिन रात होते-होते एफआईआर दर्ज कर ली गई। इस मामले में कोई भी अधिकारी आधिकारिक तौर पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जिन भी अधिकारियों पर सुसाइड नोट में आरोप लगाए गए हैं उन सभी के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।

सुसाइड नोट में इनका नाम शामिल
डीजीपी शत्रुजीत कपूर, एडीजीपी अमिताभ ढिल्लो, एडीजीपी संजय कुमार, आईजी पंकज नैन, आईपीएस कला रामचंद्रन, आईपीएस संदीप खिरवार, आईपीएस सिबार कविराज, पूर्व डीजीपी मनोज यादव, पूर्व डीजीपी पीके अग्रवाल, पूर्व मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद, एसपी नरेंद्र बिजारणिया और अन्य का नाम है।

किस अधिकारी पर क्या आरोप लगाए गए थे
डीजीपी शत्रुजीत कपूर

पंचकूला में सरकारी आवास आवंटन के दौरान वाई पूरण कुमार के केस में अतिरिक्त नियम लगा दिए थे। आधिकारिक वाहन वापस ले लिया गया। डीजीपी कार्यालय की ओर से जानबूझकर गुमनाम शिकायत दी। वार्षिक रिपोर्ट में लिखित रूप में जातिवादी टिप्पणी की गई।

एडीजीपी अमिताभ ढिल्लो 
आरटीआई के तहत जानकारी मांगने पर कार्यवाही करने की साजिश रचने व सार्वजनिक रूप से अपमानित व परेशान करने का आरोप।

एडीजीपी संजय कुमार 
सार्वजनिक रूप से परेशान और अपमानित करने के लिए दस्तावेजों में हेराफेरी व कपूर और ढिल्लों के साथ मिलकर प्रस्तावित विभागीय कार्यवाही की जानकारी मीडिया में लीक करने का आरोप

 आईजी पंकज नैन 
कपूर व ढिल्लों के साथ मिलकर निराधार व दुर्भावनापूर्ण शिकायतें तैयार करने का आरोप।

आईपीएस कला रामचंद्रन
डीजीपी के कहने पर झूठा हलफनामा दायर करने का आरोप।

आईपीएस संदीप खिरवार व सिबास कविराज
दोनों पर झूठे और परेशान करने वाले मामले में फंसाने की कोशिश।

पूर्व डीजीपी मनोज यादव, पूर्व डीजीपी पीके अग्रवाल, पूर्व मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद 
तीनों बैचमेंट अधिकारियों पर भेदभावपूर्ण, जाति आधारित मानसिक उत्पीड़न और सार्वजनिक रूप से अपमानित करने का आरोप।

नरेंद्र बिजारणिया 
डीजीपी के कहने पर परेशान करने का आरोप
एडीजीपी के सुसाइड नोट में जिन-जिन अधिकारियों पर आरोप लगाए गए हैं उन सभी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है।- कंवरदीप कौर, एसएसपी, चंडीगढ़

अमनीत सीएम से बोलीं- जब तक कार्रवाई नहीं, तब तक पोस्टमार्टम और संस्कार नहीं होगा
इससे पहले जापान दौरे से लौटे मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी वीरवार दोपहर 12.28 बजे एयरपोर्ट से सीधे सेक्टर 24 स्थित अमनीत पी कुमार के सरकारी आवास पर पहुंचे। अमनीत ने वीरवार को मुख्यमंत्री के सामने स्पष्ट कहा कि यह आत्महत्या नहीं बल्कि सिस्टम ने पूरण कुमार की हत्या की है। जब तक आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती तब तक पूरण कुमार के शव का पोस्टमार्टम और अंतिम संस्कार नहीं होगा।

मुख्यमंत्री यहां करीब 44 मिनट तक रुके। सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री ने लगभग 20 मिनट तक अमनीत पी कुमार से बातचीत की। इस दौरान अमनीत ने कहा कि सुसाइड नोट में उनके पति को प्रताड़ित करने का जिक्र है। इसके बाद साजिश के तहत रोहतक में मुकदमा करवाकर उनकी छवि को भी खराब किया गया। 

इन अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के साथ उनकी गिरफ्तारी की जाए। अमनीत ने कहा कि उनके परिवार को भी खतरा है। खासकर उनकी बेटियों की आजीवन सुरक्षा सरकार की ओर से सुनिश्चित की जाए। इस दौरान सीएम के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, सीआईडी चीफ सौरभ सिंह सहित दो अन्य वरिष्ठ आईएएस अधिकारी भी मौजूद थे।

अनुसूचित जाति आयोग ने चंडीगढ़ के मुख्य सचिव व डीजीपी से सात दिन में मांगी रिपोर्ट
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने वाई पूरण कुमार की आत्महत्या के मामले में स्वत: संज्ञान लिया है। आयोग ने चंडीगढ़ के मुख्य सचिव और चंडीगढ़ पुलिस के डीजीपी को नोटिस जारी कर सात दिनों के भीतर कार्रवाई रिपोर्ट सौंपने को कहा है। आयोग ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 338 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए मामले में पूछताछ करने का निर्णय लिया है।

आयोग ने स्पष्ट किया है कि चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से भेजी जाने वाली रिपोर्ट में सभी आरोपियों के नाम, एफआईआर संख्या, तारीख और धाराएं, आरोपियों की गिरफ्तारी और पीड़ित परिवार को दी गई मुआवजा राशि को जरूर शामिल किया जाए।

आयोग की ओर से मुख्य सचिव व डीजीपी को भेजे गए पत्र में कहा गया है यदि आयोग को निर्धारित समय के भीतर आपसे कोई जवाब नहीं मिलता है तो आपको व्यक्तिगत या आपके प्रतिनिधि को आयोग के समक्ष उपस्थित होने के लिए समन जारी किया जा सकता है। 

वहीं IPS पूरन की IAS पत्नी अमनीत पी. कुमार ने इस FIR पर एतराज जताए हैं। उन्होंने चंडीगढ़ पुलिस को एप्लिकेशन देकर कहा कि FIR में आरोपी अफसरों के नाम अलग से कॉलम में नहीं लिखे गए हैं। FIR को फिक्स फॉर्मेट में लिखा जाए। इसको लेकर उनकी चंडीगढ़ की SSP कंवरदीप कौर से हॉट टॉक भी हुई है। अभी IPS अफसर के पोस्टमॉर्टम पर भी संशय बना हुआ है। दलित संगठन भी DGP और SSP रोहतक की मांग कर रहे हैं।

SC वर्ग के IAS-IPS अफसर खुलकर पूरन के परिवार के साथ इस बीच हरियाणा ब्यूरोक्रेसी में शामिल SC वर्ग के IAS-IPS और HCS अफसर खुलकर पूरन कुमार के परिवार के साथ खड़े नजर आ रहे हैं। उन्होंने दावा किया है कि पूरन कुमार को रोहतक रेंज के IG जैसी मेन पोस्टिंग मिलने से कई बड़े अफसर नाराज थे और उन्हें किसी भी कीमत पर डाउन करना चाहते थे। यही अफसर पूरन कुमार को लंबे अरसे से प्रताड़ित कर रहे थे और सीनियॉरिटी को नजरअंदाज कर उन्हें खुड्डेलाइन पोस्टिंग दी जा रही थीं।

जूनियर अफसर से केस कराया, FIR में नौ दफा जिक्र एससी बिरादरी से ताल्लुक रखने वाले वरिष्ठ IAS अफसर के मुताबिक, रोहतक रेंज के IG बन जाने वाले पूरन कुमार को नीचा दिखाने के मकसद से ही एक शराब कारोबारी की शिकायत पर रोहतक के अर्बन एस्टेट थाने में उस जूनियर अफसर से FIR दर्ज कराई गई जो कुछ दिन पहले तक वहां पूरन कुमार को सैल्यूट करता था।

बेशक इस FIR में पूरन कुमार के गनमैन सुशील को नामजद किया गया लेकिन असल मंशा पूरन कुमार को फंसाने की थी। इसी वजह से FIR में नौ बार उनका, IG रोहतक और IG ऑफिस का जिक्र किया गया।

यही नहीं, नियम ये है कि यदि ADGP लेवल के किसी अफसर की करप्शन की शिकायत हो तो उसकी जांच DG लेवल का अधिकारी ही कर सकता है, लेकिन रोहतक में दर्ज FIR के मामले में ऐसा नहीं हुआ।

दो चरणों में लड़ाई लड़ेगा परिवार और समाज एससी वर्ग से जुड़े तमाम अफसरों और समाज के लोगों ने दिवंगत पूरन कुमार के परिवार को पूरा समर्थन दिया है। साथ ही कहा कि इस केस को दो चरणों में देखना चाहिए। पहला– मौजूदा डीजीपी शत्रुजीत कपूर और रोहतक एसपी नरेंद्र बिजारणिया पर तुरंत FIR कर उनकी अरेस्ट व सस्पेंशन हो। दूसरा– सुसाइड नोट में जिन अफसरों पर जातीय आधार पर उत्पीड़न के आरोप हैं, उनकी निष्पक्ष जांच करवाई जाए। CBI जांच की मांग भी हो सकती है।

आईएएस अफसर पत्नी ने 2 रिप्रेजेंटेशन दी पूरन कुमार की पत्नी और हरियाणा की सीनियर IAS अफसर अमनीत पी कुमार ने बुधवार को चंडीगढ़ पुलिस के सेक्टर-11 थाने में शिकायत दी। इसमें डीजीपी और रोहतक एसपी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की गई। गुरुवार को जब CM नायब सैनी उनके आवास पर शोक जताने पहुंचे तो अमनीत पी कुमार ने दूसरी रिप्रेजेंटेशन दी।

इसमें मांग की गई कि उनके पति के सुसाइड नोट में जितने अफसरों के नाम हैं, उन सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करके सबकी अरेस्ट हो। सुसाइड नोट में 15 मौजूदा या रिटायर्ड IAS-IPS अफसरों के नाम हैं।

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