महाकाल सवारी मार्ग पर हाईटेक निगरानी, लगेंगे PTZ कैमरे

Jun 30, 2025 - 11:44
 0  6
महाकाल सवारी मार्ग पर हाईटेक निगरानी, लगेंगे PTZ कैमरे

उज्जैन
श्रावण-भाद्रपद मास में निकलने वाले भगवान महाकाल की सवारी पर पीटीजेड (पैन, टिल्ट और जूम) कैमरों से निगरानी रखी जाएगी। करीब पांच किलोमीटर लंबे सवारी मार्ग पर 54 स्थानों पर पीटीजेड और फिक्स कैमरे लगाए जाएंगे। पुलिस, प्रशासन के आला अधिकारी दो अत्याधुनिक कंट्रोल रूम में बैठकर इन कैमरों से चप्पे-चप्पे पर नजर रखेंगे। मंदिर समिति महाकाल सवारी मार्ग पर महाकाल घाटी, गुदरी चौराहा, बद्रीनारायण मंदिर, हरसिद्धि पाल, रामानुजकोट, शिप्रा के पालकी स्थल, सत्यनारायण मंदिर सहित करीब 19 स्थानों पर पीटीजेड कैमरे लगाए जाएंगे। इसके अलावा 35 स्थानों पर फिक्स कैमरे लगाए जाएंगे। पीटीजेड कैमरों को पैन, टिल्ट एवं जूम कैमरे कहा जाता है, यह ऐसे कैमरे होते हैं जिन्हें रिमोट से ऊपर नीचे, दाएं बाएं घुमाया जा सकता है।

घटना, दुर्घटना के समय कैमरे का जूम कर किसी भी व्यक्ति तथा स्थान का पता लगाया जा सकता है। इन कैमरों का उपयोग आमतौर पर निगरानी और लाइव स्ट्रीमिंग जैसे कार्यों के लिए किया जाता है। इन कैमरों का उपयोग जुलूस, जलसे तथा प्रदर्शन आदि पर निगरानी के लिए किया जाता है। कोई भी व्यक्ति इनकी निगरानी से बच नहीं सकता है। इसका अर्थ है कि एक ही कैमरे से व्यापक क्षेत्र को कवर किया जा सकता है और दूर की वस्तुओं को स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।
 
1200 से ज्यादा पुलिस जवान तैनात रहेंगे
भगवान महाकाल की सवारी में भीड़ नियंत्रण व सुरक्षा व्यवस्था में इस बार 1200 से ज्यादा पुलिस जवान तैनात रहेंगे। मार्ग में सख्त बैरिकेडिंग भी की जाएगी। कोई भी बाहरी व्यक्ति सवारी के कारवां में शामिल नहीं हो सकेगा। लाइव कैमरों से नजर रखने के दौरान संदिग्ध व्यक्ति को तुरंत गिरफ्तार किया जाएगा। भीड़ में स्नैचर व जेबकटों की गैंग सक्रिय रहती है। इस बार ऐसे लोगों पर भी नजर रखने के लिए प्लान तैयार किया गया है।

यह होना चाहिए, ताकि व्यवस्था बनी रहे
पालकी के आसपास सुरक्षा घेरा सख्त होना चाहिए। प्रशासन को जगन्नाथपुरी की रथ यात्रा की तरह पुलिस की बजाय सीआरपीएफ की सुरक्षा में पालकी निकालना चाहिए। पालकी के साथ केवल पुजारी, सुरक्षाकर्मी तथा समिति संख्या में कहार होना चाहिए। अनाधिकृत व्यक्तियों की मौजूदगी से भीड़ अधिक हो जाती है।

पालकी को पूजा के लिए परंपरागत निर्धारित स्थानों पर रोका जाना चाहिए। पालकी व्यवस्था के प्रभारी अधिकारी को इसकी जानकारी होना चाहिए। जगह-जगह पालकी रोकने से सवारी के पुन: मंदिर पहुंचने में विलंब होता है और स्थिति भी बिगड़ती है। पालकी की चाल एक समान रहना चाहिए, कोई भी दर्शनार्थी सुरक्षा घेरे में नहीं घुसे इसका पूरा ध्यान रखा जाना चाहिए। भक्त पालकी के पास आने तथा स्पर्श करने के बजाय दूर से आस्था पूर्वक भगवान की पूजा आरती करे।

What's Your Reaction?

Like Like 0
Dislike Dislike 0
Love Love 0
Funny Funny 0
Angry Angry 0
Sad Sad 0
Wow Wow 0