चिराग की ताकत से अमरपुर में बाजी मार सकते हैं जयंत राज कुशवाहा

Sep 15, 2025 - 04:14
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चिराग की ताकत से अमरपुर में बाजी मार सकते हैं जयंत राज कुशवाहा

अमरपुर 
अमरपुर विधानसभा सीट बांका जिले में स्थित है...अमरपुर विधानसभा क्षेत्र बांका लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आता है। यह सीट साल 1951 से ही अस्तित्व में है। इस सीट पर पहली बार साल 1951 में विधानसभा के चुनाव हुए और कांग्रेसी कैंडिडेट पशुपति सिंह चुनाव जीते थे। 1957 और 1962 में भी इस सीट पर कांग्रेस का ही कब्जा रहा और शीतल प्रसाद भगत चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। 1967 में एस.एन. सिंह और 1969 में सुख नारायण सिंह संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर विधायक चुने गए थे। साल 1972 में भारतीय जन संघ के कैंडिडेट जनार्दन यादव विधायक बने थे।

इसके बाद 1977 में भी जनार्दन यादव ही अमरपुर से विधायक चुने गए थे, लेकिन इस बार वे जनता पार्टी के तरफ से चुनावी मैदान में थे। इसके बाद 1980 और 1985 में कांग्रेस कैंडिडेट नील मोहन सिंह विधायक चुने गए थे। 1990 में इस सीट पर निर्दलीय माधो मंडल चुनाव जीते थे। 1995 से 2005 तक इस सीट पर आरजेडी का कब्जा रहा और सुरेंद्र प्रसाद सिंह लगातार तीन बार अमरपुर से विधायक चुने गए थे। 2010 और 2015 में जेडीयू कैंडिडेट जनार्दन मांझी लगातार दो बार विधायक चुने गए।  2020 में यहां से जेडीयू कैंडिडटे जयंत राज ने जीत हासिल की थी। जयंत राज प्रभावशाली कोइरी लीडर हैं। साथ ही में वे बिहार सरकार में मंत्री भी हैं, इसलिए अमरपुर में उनकी दावेदारी इस बार भी पक्की लग रही है।

वहीं 2020 के चुनाव में अमरपुर सीट पर जेडीयू कैंडिडेट जयंत राज ने जीत हासिल की थी। जयंत राज को 54 हजार तीन सौ आठ वोट मिला था तो कांग्रेस कैंडिडेट जितेंद्र सिंह 51 हजार एक सौ 94 वोट लाकर दूसरे स्थान पर रहे थे। इस तरह से जयंत राज ने जितेंद्र सिंह को महज तीन हजार एक सौ 14 वोट के कम अंतर से हरा दिया। वहीं एलजेपी कैंडिडेट मृणाल शेखर 40 हजार तीन सौ आठ वोट लाकर तीसरे स्थान पर रहे थे।

वहीं 2015 के विधानसभा चुनाव में अमरपुर सीट पर जेडीयू कैंडिडेट जनार्दन मांझी ने जीत हासिल की थी। जनार्दन मांझी ने बीजेपी कैंडिडेट मृणाल शेखर को 11 हजार सात सौ 69 वोटों से हराया था। जनार्दन मांझी को कुल 73 हजार सात सौ सात वोट मिले थे, जबकि दूसरे नंबर पर रहे मृणाल शेखर को कुल 61 हजार नौ सौ 34 वोट मिले थे तो वहीं 6 हजार आठ सौ 18 वोट के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे।

वहीं 2010 में अमरपुर सीट पर जेडीयू उम्मीदवार जनार्दन मांझी ने जीत हासिल की थी। मांझी ने आरजेडी कैंडिडेट सुरेंद्र प्रसाद सिंह को 18 हजार 7 वोटों से हराया था। जनार्दन मांझी को कुल 47 हजार तीन सौ वोट मिले थे, जबकि दूसरे नंबर पर रहे सुरेंद्र प्रसाद सिंह को कुल 29 हजार दो सौ 93 वोट मिले थे तो वहीं तीसरे स्थान पर रहे कांग्रेस कैंडिडेट राकेश कुमार सिंह को कुल 9 हजार पांच सौ 83 वोट मिले थे।

वहीं 2005 में हुए विधानसभा चुनाव में अमरपुर सीट पर आरजेडी कैंडिडेट सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने जीत हासिल की थी। सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने जेडीयू उम्मीदवार वेदानंद सिंह को 2 हजार चार सौ एक वोट के अंतर से हराया था। सुरेंद्र प्रसाद सिंह को कुल 33 हजार छह सौ 79 वोट मिले थे, जबकि दूसरे नंबर पर रहे वेदानंद सिंह को कुल 31 हजार दो सौ 78 वोट मिले थे तो वहीं तीसरे स्थान पर रहे लोजपा कैंडिडेट बेबी देवी को कुल 10 हजार 82 वोट मिले थे।

अमरपुर विधानसभा सीट पर कोइरी,यादव,ब्राह्मण,भूमिहार,राजपूत,रविदास और कुर्मी वोटरों की निर्णायक संख्या है। वहीं मुस्लिम वोटरों का भी चुनावी नतीजे तय करने में अहम भूमिका निभाते हैं। 2020 के चुनाव में अमरपुर सीट पर लोजपा कैंडिडेट ने 40 हजार तीन सौ आठ वोट लाया था। हालांकि इसके बावजूद जेडीयू लीडर जयंत राज ने कम मार्जिन से विधानसभा चुनाव जीत लिया था। इस बार अगर लोजपा का वोट जेडीयू की तरफ ट्रांसफर हुआ तो जयंत राज बड़ी मार्जिन से जीत दर्ज कर सकते हैं।

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