बोधगया में पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का संदेश – संतों का अपमान करना सबसे बड़ी मूर्खता

Sep 13, 2025 - 14:14
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बोधगया में पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का संदेश – संतों का अपमान करना सबसे बड़ी मूर्खता


गयाजी

बोधगया पहुंचे बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि संतों के बारे में किसी को भी अपमानजनक टिप्पणी नहीं करनी चाहिए। उन्होंने हाल ही में अभिनेत्री दिशा पाटनी के घर पर हुई फायरिंग को लेकर पूछे गए सवाल पर कहा कि अगर किसी ने फायरिंग यह कहकर की है कि संतों का अपमान हुआ था, तो यह बिल्कुल गलत है। किसी भी संत के बारे में बोलना मूर्खता है। किसी की आस्था को ठेस नहीं पहुंचानी चाहिए।

राजनीति से कोई लेना-देना नहीं-धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री
उन्होंने आगे कहा कि हमारी अपनी आस्था है, आप मत सुनिए। आपकी अपनी आस्था है, आपको अच्छा नहीं लगता तो मत देखिए। जैसे पाकिस्तान हमें अच्छा नहीं लगता, तो हम वहां नहीं जाते। आपको अच्छा लगता है तो जाइए। किसी पर प्रतिक्रिया करना या शब्दों से प्रहार करना मूर्खता है। ऐसी चीजों से बचना चाहिए। धीरेंद्र शास्त्री ने स्पष्ट किया कि उनका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है, इसलिए वे राजनीतिक बयान नहीं देते। उन्होंने बताया कि वे हर साल पितृपक्ष में गया आते हैं और इस बार भी भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की प्रार्थना करेंगे।

चार दिन करेंगे गयाजी में प्रवास, कराएंगे पिंडदान, कहेंगे कथा
पितृपक्ष मेले के बीच बागेश्वर धाम सरकार पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री का शिष्यों ने स्वागत किया। उसके बाद पंडित धीरेन्द्र शास्त्री सड़क मार्ग से बोधगया प्रवास स्थल के लिए निकल गए। कल वे यहां अपने शिष्यों के साथ पितरों की आत्मशांति के लिए पिंडदान, तर्पण और त्रिपिंडी श्राद्ध कराएंगे। साथ ही एकादश भागवत कथा का आयोजन भी होगा। गयाजी तीर्थ के पुरोहित गजाधर लाल कटरियार ने इस यात्रा से जुड़ी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि शास्त्री के पूर्वज भी गया आकर अपने पितरों का पिंडदान और तर्पण कर चुके हैं। उनके वर्षो पुराने बही-खाते में इसका उल्लेख और हस्ताक्षर मौजूद है।

उन्होंने बताया कि वे 13 सितंबर से 16 सितंबर तक गया प्रवास करेंगे। इस दौरान अपने शिष्यों और भक्तों को एकादश भागवत कथा सुनाएंगे और श्राद्ध कार्य कराएंगे। हालांकि, इस दौरान उनका दिव्य दरबार आयोजित नहीं होगा। वहीं, कथा एवं श्राद्ध कार्य सम्पन्न कराएंगे। मालूम हो कि वर्ष 2024 में भी उन्होंने इसी स्थान पर अपने शिष्यों के साथ कथा कराई थी।

7 नवंबर से 16 नवंबर तक पदयात्रा निकाली जाएगी
उन्होंने कहा कि 7 नवंबर से 16 नवंबर तक पदयात्रा निकाली जाएगी, जिसके लिए बिहार की जनता से आह्वान करेंगे। अगली बार बिहार में दिव्य दरबार भी लगाया जाएगा। फिलहाल दिल्ली से वृंदावन तक पदयात्रा चल रही है, उसके बाद बिहार में भी पदयात्रा होगी। उनका कहना है कि देशभर में जनजागृति फैलाना जरूरी है और बिहार उनका घर है। नेपाल हिंसा पर उन्होंने कहा कि भारत को सावधान रहने की आवश्यकता है। नेपाल में शांति स्थापित होनी चाहिए और पड़ोसी मुल्कों को समझने की ज़रूरत है।

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