कच्चे मकानों की दीवार ही नहीं टूटी..मुसीबते भी टूट कर खुशियों को कर रही पक्का

Jun 15, 2025 - 13:14
 0  6
कच्चे मकानों की दीवार ही नहीं टूटी..मुसीबते भी टूट कर खुशियों को कर रही पक्का

पीएम आवास की बनती पक्की दीवारों में सज रही परिवार की खुशियां

रायपुर,

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की मंशा है कि राज्य में लोगों को पक्का आवास सुलभ हो सके। यही कारण है कि राज्य सरकार के प्रथम कैबिनेट की बैठक में ही प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत् 18 लाख परिवारों को आवास की स्वीकृति दी गई थी। गाँव में मजदूरी कर कच्चे मकान में मुसीबतों के साथ जिंदगी गुजारते आए झूल सिंह और उनकी पत्नी फुलकुँवर को नहीं लगता था कि वे भी कभी पक्का मकान बना पाएंगे।
उनकी जिंदगी तो जब कभी कुछ काम मिले तो उनकी मजदूरी में और कभी न मिले तो घर के चाहरदीवारी में ही बीत जाया करती है, ऐसे में पक्का मकान बना पाना तो उनके लिए दूर की कौड़ी ही थी।

जैसे-तैसे अपनी जिंदगी को जीते आ रहे झूलसिंह और उनकी पत्नी फुलकुँवर का भी सपना था कि उनका भी आशियाना ठीक ठाक हो। कम से कम खपरैल वाले छत और मिट्टी की दीवारें तो न हो, क्योंकि इन मिट्टी की दीवारों और खपरैल की छत की वजह से उन्हें बारिश में हमेशा परेशानी उठानी पड़ती है। कई मुसीबतों के बीच उन्हें रहना पड़ता था। जब इन्हें मालूम हुआ कि प्रधानमंत्री आवास योजना में उनका नाम है तो इनकी खुशियों का ठिकाना न रहा। अपनी जरूरी दस्तावेज जमा कर पहली किश्त हासिल की और खुशी-खुशी उस कच्चे मकान की दीवारों को ढहा दिया जो उन्हें मुसीबतों से वास्ता कराती थीं। अब मजबूत नींव के साथ ही वे न सिर्फ पक्के मकान के लिए पक्की दीवारे उठा रहे हैं... अपने सपनो को पूरा करने के साथ ही खुशियों को भी पक्का कर रहे हैं।

    कोरबा शहर से लगभग 90 किलोमीटर दूर पोड़ी उपरोड़ा ब्लॉक के दम्हामुड़ा के आश्रित ग्राम बोदरापारा में रहने वाले झूलसिंह मरपच्ची और उनकी पत्नी फुलकुँवर ने बताया कि गाँव में मजदूरी के भरोसे घर चलता है। सीजन के साथ ही कुछ वनोपज संग्रहण कर लेते हैं और तेन्दूपत्ता भी तोड़कर बेचते हैं। इससे कुछ रुपयों का इंतजाम हो जाता है। झूलसिंह ने बताया कि घर पर दो बच्चे हैं। यहाँ कई पीढ़ी से कच्चे मकान में ही रहते आये हैं। कच्चे मकान में बारिश के दिनों में खपरैलों के बीच से पानी टपकना और कच्ची दीवारों को नुकसान होना आम बात है। गाँव में कुछ अन्य लोगो के पक्के मकान को देखकर उन्हें भी लगता था कि उनका भी घर पक्का बन जाये तो उन्हें मुसीबतों से मुक्ति मिल जाएगी। लेकिन उनका यह सपना कभी पूरा हो भी पायेगा,ऐसा उन्हें लगता ही नहीं था, क्योंकि उनके पास पक्का घर बनाने के लिए इतने पैसे ही नहीं थे।

उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के बारे में जब उन्हें मालूम हुआ तो ऐसा लगा कि वास्तव में पैसा मिलेगा या नहीं। जब उनके खाते में पहली किश्त की राशि आई तो बहुत खुशी हुई। झूलसिंह ने बताया कि राशि मिलने के बाद पुराने जर्जर मकान को तोड़कर नया मकान बना रहे हैं। अभी नींव डालकर दीवारे भी खड़ी कर चुके हैं। झूलसिंह और उनकी पत्नी ने बताया कि अभी हमें दो किश्त मिल चुकी है। हमें बहुत खुशी हो रही है कि हमारा घर भी पक्का होगा। खपरैल की जगह सीमेंट की छत और और दीवारे भी होंगी। इससे हमें हर साल बारिश के समय बार बार खपरैल ठीक करने, दीवारों को बनाने जैसी मुसीबतों से भी हमेशा के लिए छुटकारा मिल जाएगा। उन्होंने पीएम आवास योजना को गरीबो के लिए बहुत राहत पहुचाने और उन्हें मुसिबतों से छुटकारा देने वाली योजना बताया। इसके लिए झूलसिंह और फुलकुँवर ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को धन्यवाद भी दिया।

What's Your Reaction?

Like Like 0
Dislike Dislike 0
Love Love 0
Funny Funny 0
Angry Angry 0
Sad Sad 0
Wow Wow 0