जल स्त्रोंतों को पुनर्जीवित कर उनका संरक्षण करें-मंत्री पटेल

भोपाल
पंचायत एवं ग्रामीण विकास व श्रम मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कुंडम विकासखंड के ग्राम पंचायत बैरागी में परियट नदी के उद्गम स्थल ग्राम खाम्हा और कुंडम में हिरण नदी के उद्गम स्थल कुंडेश्वरधाम में गंगा जल संवर्धन अभियान अंतर्गत जल स्त्रोतों का पूजन किया। मंत्री श्री पटेल ने कहा कि बहुत पहले जबलपुर में परियट नदी से ही जल आपूर्ति होती थी, लेकिन आज इसे पुनर्जीवित करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हम सब नदियों के जल से संबंध रखते हैं, लेकिन मुख्य बात पर विचार करना चाहिए कि आखिर जल नदियों में आता कहां से है। मंत्री श्री पटेल ने कहा कि इस बात की चिंता करनी चाहिए कि जल स्त्रोत सूखने नहीं चाहिए। जल गंगा संवर्धन अभियान का मुख्य उद्देश्य भी यही है कि जल संरचनाओं के गाद व मिट्टी को हटाकर उन्हें पुनर्जीवित किया जाये।
मंत्री श्री पटेल ने कहा कि मध्यप्रदेश को नदियों का मायका कहा जाता है, अत: नदियों का संरक्षण भी करें। नदियों को पुनर्जीवित करने से कभी पानी की समस्या नहीं होगी। नर्मदा में छोटी-छोटी नदियों से पानी आता है, ऐसे जल स्त्रोंतों को बनाये रखने के लिए सघन रूप से वृक्षारोपण करें। उन्होंने कहा कि जनजातीय समुदाय मकर संक्रांति, शिवरात्रि और अक्षय तृतीय में जल स्त्रोंतों में पूजन-अर्चन कर प्रकृति की अराधना करते हैं, कहीं-कहीं तो नवरात्रि के दोनों पर्व पर भी जल स्त्रोंतों की पूजा होती है।
पंचायत मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने ग्राम मटामर के कैलाशधाम पहुंचकर दर्शन व पूजन किया तथा जल गंगा संवर्धन अभियान अंतर्गत जुलाई माह में होने वाली कावड़ यात्रा के संबंध में विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि यह 15वीं कावड़ यात्रा होगी, इसे भव्यतम बनाने के सभी समुचित प्रयास किये जायें। जहां से यात्रा गुजरती है वहां के सड़क मार्ग को सुव्यवस्थित किया जाये। कैलाश धाम के पास पहाड़ी के रास्ते का चौड़ीकरण किया जाये तथा पेयजल की समुचित व्यवस्था भी की जाये। उन्होंने कहा कि विशेष रूप से कहा कि जल गंगा संवर्धन अभियान अंतर्गत वृक्षारोपण करें, क्योंकि वृक्ष वर्षाजल को आकर्षित करते हैं, साथ ही ऑक्सीजन व कई बहुमूल्य उत्पाद भी प्रदान करते हैं। इस दौरान पनागर विधायक श्री सुशील तिवारी इंदु, जनप्रतिनिधि और अधिकारी मौजूद थे।
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