सूर्य ग्रहण 2025: इस दिन इन खास चीजों के दान से मिलते हैं शुभ फल, जानें धार्मिक कारण

Sep 14, 2025 - 14:14
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सूर्य ग्रहण 2025: इस दिन इन खास चीजों के दान से मिलते हैं शुभ फल, जानें धार्मिक कारण

सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है, जिसका वैज्ञानिक महत्व तो है ही, लेकिन भारतीय संस्कृति और ज्योतिष में इसे एक महत्वपूर्ण धार्मिक घटना भी माना जाता है. हिंदू धर्म में इसे एक अशुभ काल माना गया है, जिसमें नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ जाता है. इसी वजह से इस दौरान शुभ कार्य और पूजा-पाठ वर्जित होते हैं. हालांकि, सूर्य ग्रहण के दौरान कुछ ऐसे कार्य भी हैं, जिन्हें बेहद शुभ और फलदायी माना जाता है. इनमें सबसे प्रमुख है दान करना. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ग्रहण काल में किया गया दान सामान्य दिनों में किए गए दान से कई गुना अधिक पुण्य देता है.

सूर्य ग्रहण के दिन दान का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ग्रहण काल में वातावरण में नकारात्मक शक्तियां सक्रिय हो जाती हैं. इन नकारात्मक प्रभावों को कम करने और जीवन में सुख-शांति लाने के लिए दान का सहारा लिया जाता है. ऐसा माना जाता है कि दान करने से इन नकारात्मक ऊर्जाओं का शमन होता है और व्यक्ति पर पड़ने वाले बुरे प्रभावों से मुक्ति मिलती है.

पापों का नाश: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ग्रहण काल में किए गए दान से पिछले जन्मों के पापों से मुक्ति मिलती है. यह एक प्रकार का प्रायश्चित्त होता है, जिससे आत्मा की शुद्धि होती है.

ग्रह दोषों से मुक्ति: कई बार व्यक्ति की कुंडली में सूर्य या चंद्र से संबंधित दोष होते हैं. ग्रहण के दौरान सूर्य से संबंधित वस्तुओं का दान करने से इन दोषों का निवारण होता है और जीवन में सकारात्मकता आती है.

आर्थिक समृद्धि: ऐसी मान्यता है कि ग्रहण काल में किया गया दान व्यक्ति को आर्थिक रूप से समृद्ध बनाता है. दान करने से देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में धन-धान्य की कमी नहीं होती.

पुण्य की प्राप्ति: धार्मिक ग्रंथों में कहा गया है कि ग्रहण के दौरान किया गया दान हजारों यज्ञों और करोड़ों तीर्थ यात्राओं के बराबर पुण्य देता है.

सूर्य ग्रहण के दिन किन चीजों का दान करना है शुभ?

सूर्य ग्रहण के दिन विशेष रूप से उन वस्तुओं का दान करना चाहिए, जो सूर्य से संबंधित मानी जाती हैं. इन वस्तुओं का दान करने से सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है.

गेहूं और गुड़: गेहूं और गुड़ दोनों ही सूर्य का प्रतिनिधित्व करते हैं. इनका दान करने से मान-सम्मान में वृद्धि होती है और नौकरी-व्यापार में तरक्की मिलती है.

तांबे के बर्तन: तांबा सूर्य का धातु माना जाता है. तांबे के बर्तन या तांबे के सिक्के दान करने से कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत होती है और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से मुक्ति मिलती है.

लाल वस्त्र: लाल रंग सूर्य का प्रिय रंग है. लाल वस्त्र, विशेष रूप से गरीबों और जरूरतमंदों को दान करने से व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ता है और समाज में उसकी प्रतिष्ठा बढ़ती है.

नारियल और बादाम: मान्यता है कि ग्रहण के बाद नारियल और बादाम दान करने से शनि और राहु-केतु के अशुभ प्रभावों से छुटकारा मिलता है.

काले तिल और काले कंबल: ज्योतिष के अनुसार, ग्रहण काल में तिल और काले कंबल का दान करना राहु-केतु और शनि के अशुभ प्रभाव को कम करने में मदद करता है. यह दान विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी होता है जिनकी कुंडली में ये ग्रह कमजोर हैं.

अन्न का दान: ग्रहण के बाद अनाज, जैसे चावल, दाल और अन्य खाद्य सामग्री का दान करना बेहद पुण्यकारी माना जाता है. यह दान गरीबों और भूखों की भूख शांत करता है, जिससे पुण्य की प्राप्ति होती है.

दान करने का सही समय और तरीका

    ग्रहण समाप्त होने के बाद ही दान करना चाहिए.
    दान की वस्तुएं साफ होनी चाहिए.
    दान हमेशा जरूरतमंदों और गरीबों को ही करना चाहिए.
    दान करते समय मन में किसी भी प्रकार का अहंकार नहीं होना चाहिए.

 

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