ट्रंप को धन्यवाद क्यों कहना चाहिए? जानिए कौन हैं आशा मोटवानी और उनकी भारत को मिली अहम सलाह

Aug 10, 2025 - 17:14
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ट्रंप को धन्यवाद क्यों कहना चाहिए? जानिए कौन हैं आशा मोटवानी और उनकी भारत को मिली अहम सलाह

वाशिंगटन 
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत पर 50 फीसदी टैरिफ को लेकर दोनों देशों में तनाव गहरा गया है। इस बीच भारतीय मूल की अमेरिकी निवेशक और रिपब्लिकन पार्टी की इकलौती भारतीय-अमेरिकी मेगाडोनर आशा जडेजा मोटवानी ने भारत को सलाह दी है कि वह ट्रंप के इरादों और सोच को समझने के लिए उनसे संपर्क करे। मोटवानी ने यह भी कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव करने के लिए ट्रंप ने अपने दो मंत्रियों को काम पर लगाया, भले ही नतीजा कुछ भी हो, उन्हें थैंक्यू बोलने में बुराई क्या है?

मोटवानी ने सोशल मीडिया पर लिखा, 'मैं रिपब्लिकन पार्टी की एकमात्र भारतीय-अमेरिकी मेगाडोनर हूं। मैं भारत को मेरी राय लेने की सलाह देती हूं कि ट्रंप के दिमाग में क्या चल रहा है? हो सकता है मैं सौ प्रतिशत सही न रहूं, लेकिन करीब जरूर रहूंगी। फेडरल इलेक्शन कमीशन की वेबसाइट देखिए, वहां साफ लिखा है कौन कितना फंड दे रहा है।'

थैंक्यू बोलने में बुराई क्या है
उन्होंने आगे कहा, ‘ट्रंप ने आधिकारिक रूप से उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और मार्को रुबियो को भारत और पाकिस्तान से बात करने और सीज़फ़ायर कराने की अनुमति दी थी। यह प्रयास सफल हुआ या नहीं, यह मुद्दा नहीं है, उनकी नीयत नेक थी। हमें उन्हें एक फूल और अच्छा-सा कार्ड देकर ‘थैंक्यू’ कहना चाहिए। शायद मैं यह भारत की ओर से कर दूं।’

उन्होंने यह भी कहा कि शायद वह भारत की ओर से ट्रंप को धन्यवाद देंगी, खासकर भारत–पाकिस्तान तनाव के दौरान अमेरिका की भूमिका के लिए। उन्होंने ट्रंप के आर्मेनिया-अजरबैजान शांति समझौते की सराहना करते हुए कहा, 'जिस तरह वे दोनों नेताओं के बीच बैठे और उनके हाथ थामे, उससे साफ है कि शांति उनके दिल के करीब है। अगर उन्हें इसके लिए नोबेल पुरस्कार मिलता है, तो उन्हें इससे ताकत मिल सकती है। वह रूस और यूक्रेन में भी शांति के लिए लगातार काम कर रहे हैं।'

ट्रंप से भी अपील
उन्होंने ट्रंप से भी अपील की कि भारत के साथ व्यापारिक समझौते को प्राथमिकता दें। उनके मुताबिक, अमेरिका ने जिन अन्य एशियाई देशों से डील की है, उनके चीन और यूरोपीय संघ से भी समझौते हैं, लेकिन भारत के विशाल बाज़ार तक अमेरिका की विशेष पहुंच है। साथ ही, भारत रूस और यूक्रेन के बीच भी शांति के लिए भूमिका निभा रहा है।

कौन हैं आशा मोटवानी
फ़ेडरल इलेक्शन रिकॉर्ड के अनुसार, आशा मोटवानी ने 31 मई 2024 को रिपब्लिकन नेशनल कमिटी को $123,900 (करीब 1 करोड़ रुपये) का फंड दिया था। वह सिलिकॉन वैली में स्थित एक प्रसिद्ध निवेशक हैं।

 

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