शिप्रा कृष्णा विस्टा में लिफ्ट सुरक्षा में भारी लापरवाही का आरोप, शिकायत पर विभाग ने AMC और OEM विवरण तलब किए

गाजियाबाद, 18 जून, 2025 - गाजियाबाद के इंदिरापुरम स्थित आवासीय परियोजना शिप्रा कृष्णा विस्टा में लिफ्ट सुरक्षा मानकों और अधिनियमों के उल्लंघन को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं. सोसायटी के निवासी श्री संजय सक्सेना द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार के संबंधित विभाग में की गई शिकायत के बाद प्रशासन हरकत में आ गया है. शिकायत में आरोप लगाया गया है कि सोसायटी में उपयोग की जा रही लिफ्टों का अनुरक्षण कार्य न तो मूल उपकरण निर्माता (OEM) और न ही उसकी किसी अधिकृत इकाई द्वारा कराया जा रहा है, जबकि उत्तर प्रदेश लिफ्ट एवं एस्केलेटर अधिनियम, 2024 तथा उत्तर प्रदेश लिफ्ट एवं एस्केलेटर नियमावली, 2024 में इस विषय में स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए गए हैं. श्री सक्सेना ने कहा, “हम एक बहुमंजिला इमारत में निवास करते हैं, जहाँ लिफ्टें केवल सुविधा नहीं, बल्कि एक आवश्यक सेवा हैं. यदि इनका अनुरक्षण सही तरीके से नहीं होता, तो यह सीधे तौर पर जान-माल की सुरक्षा से खिलवाड़ है. हमने कई बार आग्रह किया कि अनुरक्षण कार्य अधिकृत एजेंसी से कराया जाए, लेकिन हमारी बातों को लगातार नजरअंदाज किया गया."
प्रशासन ने इस शिकायत का त्वरित संज्ञान लेते हुए उत्तर प्रदेश विद्युत सुरक्षा निदेशालय के माध्यम से सोसायटी प्रबंधन को पत्र जारी किया है. इसमें अनुरक्षण एजेंसी से संबंधित सभी दस्तावेजों की तुरंत प्रस्तुति का निर्देश दिया गया है. अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि यदि जांच में कोई अनियमितता पाई जाती है तो लिफ्ट संचालन पर अस्थायी रोक, लाइसेंस रद्दीकरण अथवा आर्थिक दंड जैसी कड़ी कार्रवाई की जाएगी. प्रशासन द्वारा जारी पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि अधिनियम के अनुसार लिफ्टों का अनुरक्षण केवल मूल निर्माता (OEM) या उसकी अधिकृत सेवा इकाई द्वारा ही किया जा सकता है.
शिप्रा कृष्णा विस्टा गाजियाबाद में सैकड़ों परिवार निवास करते हैं ऐसे में लिफ्टों की नियमित सुरक्षा जांच और अनुरक्षण एक अत्यंत संवेदनशील विषय है. निवासियों का कहना है कि किसी भी प्रकार की तकनीकी त्रुटि या लापरवाही बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है, जिसे रोका जाना अनिवार्य है. अब जबकि उत्तर प्रदेश लिफ्ट एवं एस्केलेटर अधिनियम 2024 और नियमावली 2024 को प्रभावी रूप से लागू कर दिया गया है, राज्य सरकार की प्राथमिकता स्पष्ट है — लिफ्ट संचालन को सुरक्षित, तकनीकी रूप से प्रमाणित एवं विधिसम्मत बनाए रखना.सोसायटी के निवासियों ने प्रशासन से अपेक्षा व्यक्त की है कि इस प्रकरण की निष्पक्ष एवं व्यापक जांच की जाएगी और दोषी पाए जाने पर कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी, ताकि भविष्य में इस प्रकार की किसी भी लापरवाही की पुनरावृत्ति न हो.
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