ADGP सुसाइड केस: SC आयोग ने लिया स्वत: संज्ञान, चंडीगढ़ के मुख्य सचिव और DGP को भेजा नोटिस

Oct 10, 2025 - 10:14
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ADGP सुसाइड केस: SC आयोग ने लिया स्वत: संज्ञान, चंडीगढ़ के मुख्य सचिव और DGP को भेजा नोटिस

चंडीगढ़ 

राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने आईपीएस अधिकारी वाई पूरण कुमार की आत्महत्या के मामले में स्वत: संज्ञान लिया है। आयोग ने चंडीगढ़ के मुख्य सचिव और चंडीगढ़ पुलिस के डीजीपी को नोटिस जारी कर सात दिनों के भीतर कार्रवाई रिपोर्ट सौंपने को कहा है। 

आयोग ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 338 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए मामले में पूछताछ करने का निर्णय लिया है। आयोग ने स्पष्ट किया है कि चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से भेजी जाने वाली रिपोर्ट में सभी आरोपियों के नाम, एफआईआर संख्या, तारीख और धाराएं, आरोपियों की गिरफ्तारी और पीड़ित परिवार को दी गई मुआवजा राशि को जरूर शामिल किया जाए।

आयोग की ओर से मुख्य सचिव व डीजीपी को भेजे गए पत्र में कहा गया है यदि आयोग को निर्धारित समय के भीतर आपसे कोई जवाब नहीं मिलता है, तो आयोग भारत के संविधान के अनुच्छेद 338 के तहत दी गई सिविल अदालतों की शक्तियों का प्रयोग कर आपको व्यक्तिगत या आपके प्रतिनिधि को आयोग के समक्ष उपस्थित होने के लिए समन जारी कर सकता है। आयोग ने यह नोटिस हरियाणा कैडर के आईपीएस अधिकारी वाई पूरण कुमार की आत्महत्या करने के दो दिन बाद जारी किया है।

वाई पूरण कुमार के समर्थन में आए अधिकारी, कार्रवाई की मांग 

आईपीएस वाई पूरण कुमार का आत्महत्या केस तूल पकड़ता जा रहा है। दलित वर्ग के अफसर इस मामले में एकजुट हैं और वह कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। वहीं, हरियाणा सिविल सर्विस (ईबी) ऑफिसर्स एसोसिएशन भी वाई पूरन कुमार के परिवार के समर्थन में उतर आई। 

एसोसिएशन ने सीएम को लिखे पत्र में कहा है कि वाई पूरण कुमार के मामले को अत्यंत गंभीरता, संवेदनशीलता और निष्पक्षता के साथ निपटाया जाए, यह सुनिश्चित किया जाए कि बिना किसी देरी के एफआईआर दर्ज की जाए और नए आपराधिक कानूनों के अनुसार निष्पक्ष, पारदर्शी और समयबद्ध जांच की जाए। एसोसिएशन ने यह भी कहा है कि इस मामले में आरोपी अधिकारियों को अस्थायी रूप से पद से हटा दिया जाए ताकि जांच में कोई व्यवधान न आए।

एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि जिस तरह से रोहतक एसपी ने सीधे तौर पर वाई पूरण का नाम लिया है, उससे जाहिर होता है कि उसे किसी ने आदेश दिया था। कुल मिलाकर यह एक सोची समझी साजिश है, जिस पर कार्रवाई होनी चाहिए। वहीं, हरियाणा सिविल सर्विस (ईबी) ऑफिसर्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट एचसीएस शंभू ने बताया कि संघ के सभी अधिकारी दुख की घड़ी में अमनीत पी. कुमार के प्रति अपनी पूर्ण एकजुटता और नैतिक समर्थन व्यक्त करता है। इस मामले में कार्रवाई होनी चाहिए और वाई पूरण कुमार को न्याय मिलना चाहिए।

 

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