संगरूर में AAP को बड़ा झटका, 8 पार्षदों ने पार्टी से दिया इस्तीफा

संगरूर
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को उनके अपने ही गृह जिले में तगड़ा झटका लगा है. संगरूर में आम आदमी पार्टी के 8 पार्षदों ने आम आदमी पार्टी (AAP) का साथ छोड़ दिया है. इन पार्षदों ने नगरपालिका के अध्यक्ष के प्रति अपनी नाखुशी जताई है.
संगरूर नगर परिषद (MC) के आठ पार्षदों (जिनमें वरिष्ठ उपाध्यक्ष और उपाध्यक्ष भी शामिल हैं) ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. इन पार्षदों ने परिषद अध्यक्ष से असंतोष और वरिष्ठ नेताओं के उपेक्षापूर्ण रवैये को अपनी नाराजगी का कारण बताया है. इस्तीफा देने वालों में विनयपाल (वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रीति जैन के पति), उपाध्यक्ष कृष्ण लाल विक्की, हरप्रीत सिंह सेखों, प्रदीप कुमार पुरी, अवतार सिंह तारा, परमिंदर सिंह पिंकी, जगजीत सिंह काला और हरबंस लाल (पार्षद गुरदीप कौर के पति) शामिल हैं.
सीनियर वाइस प्रेसिडेंट और पार्षद विनयपाल ने कहा, ‘हम आठ पार्षद (जिनमें तीन AAP के और पांच निर्दलीय जो बाद में पार्टी में शामिल हुए थे) ने इस्तीफा दे दिया है. नगर परिषद अध्यक्ष विकास कार्यों को नहीं कर रहे हैं और उनका व्यवहार असहनीय हो गया है.’ इसी तरह प्रदीप पुरी ने कहा, ‘हमने मुख्यमंत्री और पार्टी के पंजाब मामलों के प्रभारी मनीष सिसोदिया से अध्यक्ष को हटाने की मांग की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. हमने करीब पखवाड़े पहले इस्तीफा सौंपा था, अब इसे सार्वजनिक किया है. हम जल्द ही परिषद अध्यक्ष से सदन में बहुमत साबित करने की मांग करेंगे.’
हालांकि, नगर परिषद अध्यक्ष भूपिंदर सिंह नाहल ने दावा किया कि सभी सात मूल AAP पार्षद अब भी पार्टी के साथ हैं. उन्होंने कहा, ‘केवल पांच निर्दलीय, जिन्होंने बाद में पार्टी जॉइन की थी, बाहर गए हैं. वे जल्द लौट आएंगे. नगर में विकास कार्य सुचारू रूप से चल रहे हैं.’ जानकारों के अनुसार, यदि ये असंतुष्ट पार्षद दोबारा पार्टी में नहीं लौटे या AAP बहुमत बनाए रखने में विफल रही, तो नगर परिषद पर उसका नियंत्रण खत्म हो सकता है.
गौरतलब है कि संगरूर को AAP का शक्ति केंद्र माना जाता है, जहां से मुख्यमंत्री भगवंत मान और तीन मंत्री (हरपाल सिंह चीमा, बरिंदर कुमार गोयल और अमन अरोड़ा) आते हैं. पिछले वर्ष हुए नगर परिषद चुनाव में AAP को 29 में से केवल सात सीटें मिली थीं. बाद में अप्रैल में पांच निर्दलीय पार्षदों के पार्टी में शामिल होने से उसकी संख्या 12 हो गई थी. वर्तमान में कांग्रेस के पास 9 और बीजेपी के पास तीन पार्षद हैं. वहीं, संगरूर की विधायक नरिंदर कौर भाराज और सुनाम के विधायक अमन अरोड़ा (दोनों AAP के) नगर परिषद में एक्स-ऑफिशियो सदस्य के रूप में मतदान अधिकार रखते हैं. यदि असंतोष दूर नहीं हुआ तो यह झटका संगरूर में AAP की राजनीतिक पकड़ को कमजोर कर सकता है.
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